बीमारी से मुक्ति के ज्योतिषीय उपाय ।

बीमारी से मुक्ति के ज्योतिषीय उपाय।

बीमारी से मुक्ति के ज्योतिषीय उपाय ।

बीमार व्यक्ति चाहता है कि वह और उसके परिवार के सदस्य आरोग्य को प्राप्त करें अर्थात निरोगी बने रहे । लेकिन वर्तमान समय के रहन सहन, खान-पान , शरीरिक श्रम की कमी के कारण लोगो को रोग बहुत जल्दी घेर लेते है । इन बिमारियों से मुक्ति के लिए कई उपाय , कई टोटके बताये गए है जिन्हे ध्यान पूर्वक करने से रोगो से छुटकारा पाया जा सकता है । भारतीय ज्योतिष विज्ञान का इतिहास बेहद पुराना और समृद्ध है। इसमें विभिन्न ग्रहों, नक्षत्रों और राशियों के अध्ययन से जीवन के विविध पहलुओं को समझने और उनका समाधान ढूंढने का प्रयास किया जाता है। ज्योतिष के माध्यम से बीमारियों का निदान और उपचार भी संभव है। यहां हम कुछ प्रमुख ज्योतिषीय उपायों पर चर्चा करेंगे, जो बीमारियों से मुक्ति दिलाने में सहायक हो सकते हैं। यहाँ पर हम रोग निवारण के कई आसान उपाय बता रहे है जिसे निरोगी काया पायी जा सकती है । बीमारी से मुक्ति के ज्योतिषीय उपाय–

बीमारियों के ज्योतिषीय कारण

ज्योतिष विज्ञान के अनुसार, विभिन्न ग्रहों और राशियों का मानव जीवन पर गहरा प्रभाव होता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह कमजोर होता है या गलत स्थिति में होता है, तो उससे शारीरिक और मानसिक बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं। उदाहरण के लिए:

  1. मंगल: यदि किसी की कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ स्थिति में हो, तो व्यक्ति को रक्त से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं।
  2. शनि: शनि ग्रह की अशुभ स्थिति व्यक्ति को दीर्घकालीन बीमारियों का शिकार बना सकती है।
  3. राहु और केतु: ये ग्रह मानसिक तनाव और अन्य असाधारण बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

बीमारी से मुक्ति के ज्योतिषीय उपाय

  1. मंत्र जाप और पूजा: विभिन्न ग्रहों की अशुभता को दूर करने के लिए मंत्र जाप और विशेष पूजा का आयोजन किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, मंगल ग्रह की शांति के लिए ‘मंगल मंत्र’ का जाप करना लाभकारी होता है।
  2. रत्न धारण: ज्योतिष के अनुसार, विभिन्न रत्न धारण करने से भी बीमारियों से मुक्ति पाई जा सकती है। जैसे कि माणिक्य धारण करने से सूर्य ग्रह की अशुभता दूर होती है और व्यक्ति को ऊर्जा और स्वास्थ्य मिलता है।
  3. दान और परोपकार: ज्योतिष में दान का विशेष महत्व है। विभिन्न ग्रहों की शांति के लिए विभिन्न वस्तुओं का दान किया जा सकता है। जैसे कि शनि ग्रह की शांति के लिए काले तिल का दान करना।
  4. योग और प्राणायाम: योग और प्राणायाम के माध्यम से भी ग्रहों की अशुभता को दूर किया जा सकता है। नियमित योग और प्राणायाम से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  5. बाजार से कपास के थोड़े से फूल खरीद लें। रविवार शाम 5 फूल, आधा गिलास पानी में साफ कर के भिगो दें। सोमवार को प्रात: उठ कर फूल को निकाल कर फेंक दें तथा बचे हुए पानी को पी जाएं। जिस पात्र में पानी पीएं, उसे कहीं पर भी उल्टा कर के रख दें। कुछ ही दिनों में आश्चर्यजनक स्वास्थ्य लाभ अनुभव करेंगे ।
  6. रात्रि के समय शयन कक्ष में कपूर जलाने से पितृ दोष का नाश होता है, घर में शांति बनी रहती है, बुरे स्वप्न नहीं आते है और सभी प्रकार के रोगों से भी छुटकारा मिलता है ।
  7. पूर्णिमा के दिन रात्रि में घर में खीर बनाएं। ठंडी होने पर उसका मंदिर में मां लक्ष्मी को भोग लगाएं एवं चन्द्रमा और अपने पितरों का मन ही मन स्मरण करें और कुछ खीर काले कुत्तों को दे दें। ऐसा वर्ष भर पूर्णिमा में करते रहने से घर में सुख शांति, निरोगिता एवं हर्ष और उल्लास का वातावरण बना रहता है धन की कभी भी कमी नहीं रहती है ।
  8. घर में कोई बीमार हो जाए तो उस रोगी को शहद में चन्दन मिला कर चटाएं ।
  9. यदि घर में पुत्र बीमार हो तो कन्याओं को हलवा खिलाएं एवं पीपल के पेड़ की लकड़ी को सिरहाने रखें।
  10. जिस घर में स्त्रीवर्ग को निरन्तर स्वास्थ्य की पीड़ाएँ रहती हो, उस घर में तुलसी का पौधा लगाकर उसकी श्रद्धापूर्वक देखशल करने, संध्या के समय घी का दीपक जलाने से रोग पीड़ाएँ शीघ्र ही समाप्त होती है।
  11. यदि घर में किसी की तबियत ज्यादा ख़राब लग रही है तो रविवार के दिन बूंदी के सवा किलो लड्डू किसी भी धार्मिक स्थान चड़ा कर उसका कम से कम 75% वहीँ पर प्रसाद के रूप में बांटे।
  12. अगर परिवार में कोई परिवार में कोई व्यक्ति बीमार है तथा लगातार दवा सेवन के पश्चात् भी स्वास्थ्य लाभ नहीं हो रहा है, तो किसी भी रविवार से लगातार 3 दिन तक गेहूं के आटे का पेड़ा तथा एक लोटा पानी व्यक्ति के सिर के ऊपर से उसार कर जल को पौधे में डाल दें तथा पेड़ा गाय को खिला दें। इन 3 दिनों के अन्दर व्यक्ति अवश्य ही स्वस्थ महसूस करने लगेगा। अगर इस अवधि में रोगी ठीक हो जाता है, तो भी इस प्रयोग को अवश्य पूरा करना चाहिए।
  13. पीपल के वृक्ष को प्रात: 12 बजे के पहले, जल में थोड़ा दूध मिला कर सींचें और शाम को तेल का दीपक और अगरबत्ती जलाएं। ऐसा किसी भी दिन से शुरू करके 7 दिन तक करें ( अगर सोमवार से शुरू करें तो अति उत्तम होगा )। रोग से ग्रस्त व्यक्ति को जल्दी ही आराम मिलना प्रारम्भ हो जायेगा।
  14. शुक्रवार रात को मुठ्ठी भर काले साबुत चने भिगोयें। शनिवार की शाम उन्हें छानकर काले कपड़े में एक कील और एक काले कोयले के टुकड़े के साथ बांध दें । फिर इस पोटली को रोगी के ऊपर से 7 बार वार कर किसी तालाब या कुएं में फेंक दें। ऐसा लगातार 3 शनिवार करें। बीमार व्यक्ति शीघ्र अच्छा हो जायेगा।
  15. यदि कोई प्राणी कहीं देर तक बैठा हो और उसके हाथ या पैर सुन्न हो जाएँ तो जो अंग सुन्न हो गया हो, उस पर उंगली से 27 का अंक लिख दीजिये, उसका सुन्न अंग तुरंत ठीक हो जाएगा।
  16. काले तिल और जौ का आटा तेल में गूंथकर एक मोटी रोटी बनाकर उसे अच्छी तरह सेंकें। गुड को तेल में मिश्रित करके जिस व्यक्ति के मरने की आशंका हो, उसके सिर पर से 7 बार उतार कर मंगलवार या शनिवार को किसी भैंस को खिला दें।यह क्रिया करते समय ईश्वर से रोगी को शीघ्र स्वस्थ करने की प्रार्थना करते रहें।
  17. गुड के गुलगुले सवाएं लेकर उसे 7 बार रोगी के सर से उतार कर मंगलवार या शनिवार व इतवार को चील-कौए को डाल दें, रोगी को तुरंत राहत मिलने लगती है।
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बीमारियों के लिए कुछ विशेष ज्योतिषीय उपाय

  1. ग्रहण काल का महत्व: ग्रहण के समय में किया गया जप और ध्यान बहुत ही प्रभावी होता है। यह समय विशेष ऊर्जा का संचार करता है और बीमारियों को दूर करने में मदद करता है।
  2. सूर्य नमस्कार: सूर्य देव की पूजा और नियमित सूर्य नमस्कार करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। सूर्य देव की कृपा से शरीर में ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार होता है।
  3. विशेष अनुष्ठान: कुछ विशेष अनुष्ठान जैसे कि ‘महामृत्युंजय जाप’ और ‘नवग्रह शांति पूजा’ भी बीमारियों से मुक्ति दिलाने में सहायक होते हैं।

धार्मिक और पारंपरिक उपाय -बीमारी से मुक्ति के ज्योतिषीय उपाय

  1. तुलसी के पत्ते: तुलसी के पत्तों का सेवन और पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
  2. गंगाजल: गंगाजल का उपयोग धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे पीने और स्नान करने से शारीरिक और मानसिक शुद्धि होती है।
  3. धूप और दीपक: नियमित रूप से घर में धूप और दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक वातावरण बनता है।

ज्योतिषीय उपायों का वैज्ञानिक दृष्टिकोण

ज्योतिषीय उपायों का वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी महत्वपूर्ण है। हालांकि ज्योतिष एक पारंपरिक और धार्मिक विषय है, लेकिन इसके पीछे का विज्ञान भी महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, योग और प्राणायाम का उपयोग न केवल आध्यात्मिक शांति के लिए किया जाता है, बल्कि यह वैज्ञानिक रूप से भी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। इसी प्रकार, मंत्र जाप और ध्यान का उपयोग भी मानसिक शांति और सकारात्मकता के लिए प्रभावी होता है।

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उपसंहार -बीमारी से मुक्ति के ज्योतिषीय उपाय

ज्योतिषीय उपाय बीमारियों से मुक्ति के लिए एक प्रभावी और पारंपरिक तरीका है। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि इन उपायों को किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी के मार्गदर्शन में ही अपनाया जाए। इसके साथ ही, आधुनिक चिकित्सा विज्ञान और चिकित्सकों की सलाह का पालन करना भी आवश्यक है। ज्योतिषीय उपायों के साथ-साथ स्वास्थ्यकर जीवनशैली, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम भी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होते हैं।

आशा है कि यह लेख आपको ज्योतिष के माध्यम से बीमारियों से मुक्ति के उपायों को समझने में सहायक होगा। यदि आपके पास और भी सवाल हैं, तो आप किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से सलाह ले सकते हैं। स्वस्थ रहें और खुशहाल जीवन जिएं।

आचार्य आस्तिक कुमार झा वेद ज्योतिष कर्मकाण्ड विशेषज्ञ https://www.facebook.com/acharyaaastikkumar.jha KB:- बीमारी से मुक्ति के ज्योतिषीय उपाय|

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प्रो. शिव चन्द्र झा, के.एस.डी.एस.यू., दरभंगा में धर्म शास्त्र के प्रख्यात प्रोफेसर रहे हैं। उनके पास शिक्षण का 40 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने Sanskrit भाषा पर गहन शोध किया है और प्राचीन पांडुलिपियों को पढ़ने में कुशलता रखते हैं।