बृहस्पति पूजा कैसे करें ? -जब हमें हर चीज़ आसानी से मिलती है, तो हम खुद को खुशकिस्मत मानते हैं, लेकिन जैसे ही किसी समस्या का सामना करना पड़ता है, हम अपनी किस्मत को दोष देने लगते हैं। इस समय लोग तरह-तरह के धार्मिक उपायों का सहारा लेते हैं, ताकि परेशानियों से छुटकारा पा सकें। लेकिन अगर रोज़ाना भगवान की पूजा की जाए, तो हम इन समस्याओं से बच सकते हैं।
अब बात करते हैं गुरुवार की, जो बृहस्पति पूजा के लिए खास दिन है। अगर आप चाहते हैं कि आपकी जिंदगी में खुशियाँ बढ़ें और समस्याएँ कम हों, तो गुरुवार के दिन बृहस्पति देव की पूजा करें। इस दिन की पूजा विधि बहुत सरल है:
- स्नान करके पूजा करें – गुरुवार को सुबह स्नान करें और पीले कपड़े पहनें।
- पंचामृत स्नान – बृहस्पति देव की मूर्ति पर दही, दूध, शहद, घी और शक्कर से स्नान कराएं।
- पूजा सामग्री – पूजा में गंध, अक्षत, पीले फूल और चमेली के फूल चढ़ाएं।
- भोग लगाएं – चने की दाल से बने पकवान, चने, गुड़, हल्दी या पीले फल अर्पित करें।
- मंत्र जपें – बृहस्पति मंत्र “ऊँ बृं बृहस्पते नम:” का जप करें और बृहस्पति आरती करें।
- दक्षिणा और पीले रंग की सामग्री – पूजा के बाद दक्षिणा और पीली चीज़ें दान करें।
इसके अलावा, बृहस्पति देव के अन्य उपाय भी मददगार हो सकते हैं, जैसे कि पीले फूल, केले, हल्दी, मिठाइयाँ, और अन्य वस्त्रों का दान करना। बृहस्पति के रत्न का दान भी शुभ होता है। यह दान गुरुवार के दिन ब्राह्मण या गुरु को देना चाहिए।
गुरुवार के दिन व्रत रखने से बृहस्पति की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि, कार्यों में सफलता और जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं।
महिलाओं के लिए बृहस्पति और उसका प्रभाव
बृहस्पति एक शुभ ग्रह है, जो महिलाओं को बुद्धिमान, धार्मिक और परिवार में खुशहाल बनाता है। लेकिन जब बृहस्पति अशुभ होता है, तो यह स्वार्थी, क्रूर और दुखी दाम्पत्य जीवन की वजह बन सकता है।
अगर बृहस्पति कमजोर है, तो पुखराज रत्न पहनना और गुरुवार का व्रत रखना फायदेमंद हो सकता है। हल्दी, पीले भोजन और सोने का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। वहीं, उग्र बृहस्पति को शांत करने के लिए, पीले रंग से परहेज करना और केले के वृक्ष की पूजा करना चाहिए।
अगर दाम्पत्य जीवन में कशमकश है, तो हर गुरुवार को चपाती पर हल्दी, घी और चने की दाल रखकर गाय को खिलाएं। पति-पत्नी को भी एक साथ यह उपाय करना चाहिए।
सबसे जरूरी बात यह है कि हम जितना अधिक सत्य बोलें और बुजुर्गों, गुरु, और शिक्षकों का सम्मान करें, बृहस्पति उतना ही अनुकूल रहेगा।
इसी तरह के छोटे-छोटे उपायों से हम बृहस्पति की कृपा पा सकते हैं और जीवन में खुशहाली ला सकते हैं।
बृहस्पति ग्रह के उपाय—
बृहस्पति ग्रह के उपायों के लिए कुछ महत्वपूर्ण दान वस्तुएं हैं, जैसे चीनी, केला, पीला वस्त्र, केसर, नमक, मिठाइयाँ, हल्दी, पीले फूल और भोजन। इनका दान बृहस्पति की शांति के लिए किया जा सकता है, और बृहस्पति से संबंधित रत्न का दान भी अत्यधिक शुभ माना जाता है। यह दान गुरुवार के दिन और सुबह के समय ब्राह्मण, गुरु या पुरोहित को करना विशेष फलदायक होता है।
अगर किसी व्यक्ति का बृहस्पति कमजोर है, तो उन्हें केला और पीले रंग की मिठाइयाँ गरीबों, पक्षियों (खासकर कौओं) को दान करनी चाहिए। ब्राह्मणों और गरीबों को दही-चावल भी खिलाना चाहिए। इसके अलावा, सभी दिनों में, except रविवार और गुरुवार, पीपल के जड़ को जल से सिंचना चाहिए।
गुरू, पुरोहित और शिक्षकों में बृहस्पति का वास माना जाता है, इसलिए इनकी सेवा करने से बृहस्पति के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, सोने के कमरे में केला न रखें और न ही इसका सेवन करें, क्योंकि इससे बृहस्पति से संबंधित समस्याएँ बढ़ सकती हैं।
माता-पिता और गुरु का सम्मान
बृहस्पति की शांति के लिए, माता-पिता, गुरु और अन्य पूजनीय व्यक्तियों के प्रति सम्मान रखना चाहिए और महत्त्वपूर्ण अवसरों पर इनका आशीर्वाद लेना चाहिए।
मन्दिर सेवा और अन्य उपाय
सफेद चन्दन और केसर को मिलाकर माथे पर तिलक करना चाहिए और मंदिर या अन्य धार्मिक स्थानों पर निःशुल्क सेवा करनी चाहिए। किसी भी मन्दिर या इबादत घर के पास से गुजरते वक्त सिर झुका कर श्रद्धा से प्रणाम करें।
गुरुवार के उपाय
गुरुवार के दिन विशेष रूप से केले के वृक्ष के पास गौघृत का दीपक जलाना चाहिए और आटे के लोई में चने की दाल, गुड़ और हल्दी डालकर गाय को खिलाना चाहिए। ये उपाय बृहस्पति ग्रह के दुष्प्रभाव को शांत करने में सहायक होते हैं।
वृहस्पति ग्रह और महिलाओं पर प्रभाव
बृहस्पति ग्रह को शुभ और सतो गुणी ग्रह माना जाता है, जो महिलाओं के लिए पति, दाम्पत्य जीवन, संतान सुख और घर-गृहस्थी का कारक होता है। यदि बृहस्पति अशुभ हो, तो यह महिलाओं को स्वार्थी, लोभी और क्रूर बना सकता है, और इसके कारण दाम्पत्य जीवन में कठिनाइयाँ और संतान सुख की कमी हो सकती है।
उपाय और सावधानियाँ
जन्म कुंडली में शुभ बृहस्पति के कारण महिला धार्मिक, न्यायप्रिय और ज्ञानवान होती है। यदि बृहस्पति उग्र हो जाए, तो वह अहंकारी हो सकती है, जो घर और परिवार से कटने का कारण बनता है। इससे अवसाद और मोटापे जैसी समस्याएँ हो सकती हैं, क्योंकि बृहस्पति मेद का कारक भी है।
यदि आपको बृहस्पति से संबंधित कोई समस्या महसूस हो, तो कुंडली का विश्लेषण कराएं और कमजोर बृहस्पति के लिए पुखराज रत्न पहन सकते हैं, लेकिन इस बारे में किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह लेना जरूरी है।
दाम्पत्य जीवन के लिए उपाय
अगर दाम्पत्य जीवन में समस्याएँ आ रही हों, तो गुरुवार के दिन एक चपाती पर हल्दी, घी और चने की दाल रखकर गाय को खिलाएं। अगर पति-पत्नी अलग-अलग जगह काम करते हैं, तो दोनों को गुरुवार को गुड़ वाली चपाती गाय को खिलानी चाहिए।
सर्वश्रेष्ठ उपाय बृहस्पति पूजा कैसे करें ?
सभी उपायों में सबसे महत्वपूर्ण है, झूठ से बचना और अपने बुजुर्गों, गुरु और शिक्षकों का सम्मान करना। जितना अधिक हम इन चीज़ों का पालन करेंगे, उतना ही बृहस्पति हमारे जीवन में अनुकूल रहेगा।
आचार्य आस्तिक कुमार झा वेद ज्योतिष कर्मकाण्ड विशेषज्ञ https://www.facebook.com/acharyaaastikkumar.jha KB:- बृहस्पति पूजा कैसे करें ?
नम्र निवेदन :- प्रभु की कथा से यह भारत वर्ष भरा परा है | अगर आपके पास भी हिन्दू धर्म से संबधित कोई कहानी है तो आप उसे प्रकाशन हेतु हमें भेज सकते हैं | अगर आपका लेख हमारे वैबसाइट के अनुकूल होगा तो हम उसे अवश्य आपके नाम के साथ प्रकाशित करेंगे |
अपनी कहानी यहाँ भेजें | Praysure को Twitter पर फॉलो, एवं Facebook पेज लाईक करें |