145 देवों के गायत्री मंत्र
145 देवों के लिए उनके विशेष गुणों और शक्तियों के अनुसार गायत्री मंत्र की रचना की गई है, जिससे साधक उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
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प्रत्येक दम्पति चाहतें हैं की उन्हे कम से कम एक पुत्र अवश्य हो | पौराणिक शास्त्रो में भी पुत्र का होना पित्तरों के निमित अति आवश्यक माना गया है |
पुत्र प्राप्ति हेतु क्या करें Read Post »
पुण्यश्लोकोंका स्मरण – बस पाँच मिनट ले इनका नाम, बनेंगे सारे बिगरे काम |
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यह एक प्रमाणित मंत्र है और इसका प्रभाव आपको सिर्फ सात दिनो में पता चल जाएगा | इस मंत्र का पाठ करने से पहले आपको भगवान रामचन्द्र पर असीम श्रद्धा रखनी होती है |
श्री रामरक्षास्तोत्र Read Post »
हिन्दू धर्म में सभी कष्टों के निवारण एवं ईश्वर प्राप्ति के लिए नित्य पुजा का मार्ग श्रेष्ट माना गया है। नित्य पूजन और नित्य पूजा मंत्र जपने से श्रद्धा और विश्वास का ही जन्म नही होता है
इस शुभ गायत्री स्त्रोत को जो लोग शुद्ध चित्त होकर पढ़ते हैं, वे इस संसार में भाग्यवान् हो जाते हैं और माता की उन पर पूर्ण कृपा रहती है
गायत्री मंत्र के क्या लाभ हैं | शास्त्रों में मंत्रों को बहुत ही शक्तिशाली और चमत्कारी बताया गया है। इन्हीं मंत्रों में से एक खास मंत्र है गायत्री मंत्र जिसका जप करने से कई फायदे होते हैं।
गायत्री मंत्र के क्या लाभ हैं | Read Post »
गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र के महत्व और उसके अर्थ
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गायत्री को त्रिपदा कहते हैं। त्रिपदा का अर्थ है- तीन चरण वाली, तीन टाँगवाली। तीन टुकड़े इसके हैं, जिनको समझ करके हम गायत्री के ज्ञान और विज्ञान की आधारशिला को ठीक तरीके से जान सकते हैं।
“गायत्री उपासना” किन्हें फलित होती है? Read Post »
स्वस्तिक मंत्र या स्वस्ति मन्त्र शुभ और शांति के लिए प्रयुक्त होता है। स्वस्ति = सु + अस्ति = कल्याण हो । ऐसा माना जाता है कि इससे हृदय और मन मिल जाते हैं।