
नित्य पूजा मंत्र
हिन्दू धर्म में सभी कष्टों के निवारण एवं ईश्वर प्राप्ति के लिए नित्य पुजा का मार्ग श्रेष्ट माना गया है। नित्य पूजन और नित्य पूजा मंत्र जपने से श्रद्धा और विश्वास का ही जन्म नही होता है
हिन्दू धर्म में सभी कष्टों के निवारण एवं ईश्वर प्राप्ति के लिए नित्य पुजा का मार्ग श्रेष्ट माना गया है। नित्य पूजन और नित्य पूजा मंत्र जपने से श्रद्धा और विश्वास का ही जन्म नही होता है
इस शुभ गायत्री स्त्रोत को जो लोग शुद्ध चित्त होकर पढ़ते हैं, वे इस संसार में भाग्यवान् हो जाते हैं और माता की उन पर पूर्ण कृपा रहती है
गायत्री मंत्र के क्या लाभ हैं | शास्त्रों में मंत्रों को बहुत ही शक्तिशाली और चमत्कारी बताया गया है। इन्हीं मंत्रों में से एक खास मंत्र है गायत्री मंत्र जिसका जप करने से कई फायदे होते हैं।
गायत्री को त्रिपदा कहते हैं। त्रिपदा का अर्थ है- तीन चरण वाली, तीन टाँगवाली। तीन टुकड़े इसके हैं, जिनको समझ करके हम गायत्री के ज्ञान और विज्ञान की आधारशिला को ठीक तरीके से जान सकते हैं।
स्वस्तिक मंत्र या स्वस्ति मन्त्र शुभ और शांति के लिए प्रयुक्त होता है। स्वस्ति = सु + अस्ति = कल्याण हो । ऐसा माना जाता है कि इससे हृदय और मन मिल जाते हैं।
पूजनार्थ हेतु पुष्प, बिल्व पत्र, तुलसीदल आदि तोड़ने से अर्पण करने तक के समस्त विधान !
इस साधना के माध्यम से आप न केवल अपने जीवन में आध्यात्मिक उन्नति करेंगे, बल्कि भौतिक जीवन की समस्याओं का समाधान भी पा सकते हैं।