
मकर संक्रांति पर जानिए कौन से दान करने से क्या लाभ मिलेगा
मकर संक्रांति पर जानिए कौन से दान करने से क्या लाभ मिलेगा
मकर संक्रांति पर जानिए कौन से दान करने से क्या लाभ मिलेगा
रावण का मूत्रालय कैसे बना और भारत में यह मूत्रालय कहाँ स्थित है? आइये जानते हैं विस्तार से –
सनातन हिंदू धर्म सृष्टि के आदि से आया हुआ भूमंडल मे विख्यात धर्म है। इसकी नींव में गहन और प्राचीन शास्त्रों का ज्ञान निहित है, जिन्हें समझना अत्यंत आवश्यक है। यहां इस धर्म के मूल सिद्धांतों और आधारभूत शास्त्रों का संक्षेप में पूजनीय गुरुदेव श्रीराम शर्मा (1911–1990) द्वारा प्रस्तुत वर्णन, गायत्री परिवार के माध्यम से जानेंगे ।
वेद भारतीय संस्कृति के वे ग्रन्थ हैं, जिनमे ज्योतिष, गणित, विज्ञान, धर्म, ओषधि, प्रकृति, खगोल शास्त्र आदि लगभग सभी विषयों से सम्बंधित ज्ञान का भंडार भरा पड़ा है।
शंख सदैव से ही सनातन संस्कृति के अनेक प्रतीकों में से एक प्रतीक रहा हैं । प्राचीन काल में शंख सब घरों में होता था। इसे दैनिक पूजा-अर्चना में स्थान दिया गया हैं।
वेद भारतीय संस्कृति और धर्म का प्राचीनतम और अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ माने जाते हैं। वेदों का महत्व केवल धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं बल्कि सांस्कृतिक, दार्शनिक, वैज्ञानिक, और आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यधिक है।
हिंदू धर्म के पौराणिक ग्रंथों ने 36 तरह के मुख्य नर्कों का वर्णन किया गया है। अलग-अलग कर्मों के लिए इन नर्कों में सजा का प्रावधान भी माना गया है। गरूड़ पुराण, अग्रिपुराण, कठोपनिषद जैसे प्रामाणिक ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है।
गवान शिव को बिल्वपत्र चढ़ाने का जितना महत्व है, उतना ही महत्व बिल्वपत्र के वृक्ष का भी माना गया है.! बिल्वपत्र के वृक्ष की महिमा के बारे में अगर आप नहीं जानते, तो जरूर पढ़िए बिल्वपत्र के वृक्ष की यह महत्वपूर्ण बातें
कनकधारा स्तोत्र का प्रयोग मुख्य रूप से माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने और धन संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए किया जाता है