गंध चिकित्सा: सनातन विज्ञान का रहस्य

गंध चिकित्सा: सनातन विज्ञान का रहस्य

गंध चिकित्सा: सनातन विज्ञान का रहस्य – गंध चिकित्सा, पदार्थ के सूक्ष्म रूप और ऊर्जा के संबंध का उपयोग करके शारीरिक, मानसिक और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को सुधारने की एक प्राचीन प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया पदार्थ को उसके नैनो स्तर तक विभाजित कर ऊर्जा को मुक्त करती है।

पदार्थ का नैनो स्तर तक विभाजन

  • पदार्थ की समाप्ति केवल ब्लैक होल में होती है; उससे पहले यह केवल टूटता है।
  • पदार्थ नैनो स्तर तक कैसे आता है:
    1. लकड़ी -> छोटे टुकड़े -> कण -> अणु -> परमाणु
    2. परमाणु -> इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन, न्यूट्रॉन -> ऊर्जा

उदाहरण:

  • लकड़ी के एक चने के बराबर टुकड़े या पानी की एक बूंद में 20 TNT ऊर्जा होती है।
  • तुलना करें: हिरोशिमा पर गिराए गए बम की ऊर्जा केवल 15 TNT थी।

होम्योपैथी और हवन का विज्ञान

  • होम्योपैथी पदार्थ को पानी के माध्यम से विभाजित कर नैनो कण बनाती है।
  • प्राचीन भारतीय ऋषियों ने इसी सिद्धांत पर आधारित प्रक्रिया विकसित की, जिसे हम हवन कहते हैं।

गंध चिकित्सा के लिए हवन प्रक्रिया

मंगल हवन

  1. सामग्री:
    • गाय के गोबर के कंडे
    • गाय का शुद्ध घी
  2. चार मंत्र और घी की आहुति:
    • भू: स्वाहा, अग्नये इदं न मम
    • भूव: स्वाहा, वायवे इदं न मम
    • स्व: स्वाहा, सूर्याय इदं न मम
    • भूर्भुव: स्व: स्वाहा, प्रजापतये इदं न मम
    इन चार आहुति से वातावरण में एथिलीन ऑक्साइड, प्रोपलीन ऑक्साइड, और फार्मेल्डिहाइड जैसे अनुकूल गैसें उत्पन्न होती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती हैं।

गंध चिकित्सा: मानवीय बीमारियों का निदान

बीमारीहवन सामग्री
कुपोषणजौ, सरसों, नारियल गिरी बुरादा, अपामार्ग की जड़
पूर्ण निद्राजौ और घी, फिर अगर, तगर, चंदन, नागरमोथा, दालचीनी
भूख न लगनापीली सरसों के बीज
टाइफॉइडचिरायता, पितपापड़ा, त्रिफला और शुद्ध गौ घृत
ज्वरनाशकअजवाइन
सिरदर्दमुनक्का
नेत्रज्योति वर्धकशहद और सहजन (मुनगा) बीज
मस्तिष्क बलवर्धकब्राह्मी, शंखपुष्पी, सफेद चंदन
वातरोग नाशकत्रिफला, पिप्पली
मनोविकार नाशकगुग्गल, अपामार्ग
मानसिक उन्मादजटामांसी चूर्ण
पीलिया नाशकदेवदारु, भूमि आंवला, नागरमोथा, कुटकी
मधुमेह नाशकगुग्गल, जामुन की गुठली, गुड़मार, करेला
प्रदर रोगछुई मुई पंचांग, अशोक छाल, बच की जड़
मलेरिया नाशकगुग्गल, कचूर, दारुहल्दी, अगर, तगर
जोड़ों का दर्दनिर्गुंडी के पत्ते, गुग्गल, सफेद सरसों
निमोनिया नाशकवच मूल, गुग्गल, हल्दी, हींग
जुकाम नाशकखुरासानी अजवाइन, जटामांसी, हल्दी
कफ नाशकहल्दी चूर्ण, वच मूल, अडूसा पत्र
शीत पित्त नाशकदारुहल्दी, हरड़

पशुपालन में गंध चिकित्सा

  1. दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए:
    • कुपोषण निवारण योग का हवन करें।
    • फिर सुगंधित द्रव्य (अगर, तगर, चंदन, नागरमोथा, दालचीनी) मिलाएं।
  2. पशुशाला की स्वच्छता:
    • हींग, गुग्गल, राल, बच की जड़ का हवन करें।
  3. बीमार पशु:
    • संबंधित औषधियों की मात्रा बढ़ाकर हवन करें।

फसलों में गंध चिकित्सा

  1. पौध पोषण:
    • जौ और तिल/सरसों/अलसी या दलहन की खली का हवन।
  2. फूल बढ़ाने के लिए:
    • आकड़ा, पलाश, महुआ के फूलों में शहद मिलाकर हवन।
  3. फंगल/वायरस से बचाव:
    • गुग्गल, हींग, राल, हल्दी, सोंठ चूर्ण का हवन।
  4. कीट नाशक:
    • बच की जड़, चिरायता, नींबोली चूर्ण का हवन।

निष्कर्ष

गंध चिकित्सा, आयुर्वेद और सनातन विज्ञान का अद्भुत संगम है। यह केवल शारीरिक और मानसिक रोगों का उपचार नहीं, बल्कि पर्यावरण, पशु और फसल सुधार का प्रभावी तरीका है। इसे अपनाकर हम प्राकृतिक संतुलन और स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं।

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प्रो. शिव चन्द्र झा, के.एस.डी.एस.यू., दरभंगा में धर्म शास्त्र के प्रख्यात प्रोफेसर रहे हैं। उनके पास शिक्षण का 40 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने Sanskrit भाषा पर गहन शोध किया है और प्राचीन पांडुलिपियों को पढ़ने में कुशलता रखते हैं।
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