ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र: कर्ज मुक्ति और समृद्धि का उपाय

ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र

ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र: कर्ज मुक्ति और समृद्धि का उपाय

जीवन में कभी न कभी हर व्यक्ति को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, और इनमें सबसे बड़ी चुनौती होती है कर्ज की स्थिति। कई बार व्यक्ति कर्ज चुकता करने के लिए हर प्रयास करता है, लेकिन कर्ज का बोझ खत्म होने का नाम नहीं लेता। ऐसे में मानसिक शांति और आत्मविश्वास बनाए रखने के लिए ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र का पाठ एक अत्यंत प्रभावी और शक्तिशाली उपाय है।

यह स्तोत्र भगवान गणेश की महिमा का बखान करता है, जो सभी प्रकार के विघ्नों को दूर करने और भक्तों को समृद्धि, सुख, और कर्ज से मुक्ति देने वाले देवता के रूप में प्रसिद्ध हैं। गणेश जी को विघ्नहर्ता और धन के देवता के रूप में पूजा जाता है, और इस स्तोत्र का पाठ विशेष रूप से कर्ज मुक्ति और आर्थिक समृद्धि के लिए किया जाता है।

ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र का महत्व

ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र का निरंतर पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में आ रही वित्तीय समस्याओं का समाधान शीघ्र होता है। इसके नियमित जाप से न केवल कर्ज जल्दी चुकता होता है, बल्कि व्यक्ति की आर्थिक स्थिति भी सुधारती है। इसके अलावा, यह स्तोत्र उस व्यक्ति के जीवन में धन की कमी को दूर करने में मदद करता है और नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त करता है।

ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र का पाठ और ध्यान

इस स्तोत्र का पाठ करने से पहले भगवान गणेश का ध्यान और पूजा अर्चना करना आवश्यक है। ध्यान करते समय इस मंत्र का उच्चारण करें:

ध्यान मंत्र:

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ॐ सिन्दूर-वर्णं द्वि-भुजं गणेशं लम्बोदरं पद्म-दले निविष्टम्।
ब्रह्मादि-देवैः परि-सेव्यमानं सिद्धैर्युतं तं प्रणामि देवम्।।

सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजित: फल-सिद्धए।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।1 
त्रिपुरस्य वधात् पूर्वं शम्भुना सम्यगर्चित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।2 
हिरण्य-कश्यप्वादीनां वधार्थे विष्णुनार्चित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।3
महिषस्य वधे देव्या गण-नाथ: प्रपुजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।4
तारकस्य वधात् पूर्वं कुमारेण प्रपूजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।5
भास्करेण गणेशो हि पूजितश्छवि-सिद्धए।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।6
शशिना कान्ति-वृद्धयर्थं पूजितो गण-नायक:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।7 
पालनाय च तपसां विश्वामित्रेण पूजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।8 
इदं त्वृण-हर-स्तोत्रं तीव्र-दारिद्र्य-नाशनं,
एक-वारं पठेन्नित्यं वर्षमेकं सामहित:।
दारिद्र्यं दारुणं त्यक्त्वा कुबेर-समतां व्रजेत्।।

स्तोत्र के लाभ:

  • कर्ज मुक्ति: इस स्तोत्र के नियमित पाठ से व्यक्ति के कर्ज के संकट में कमी आती है और कर्ज शीघ्र चुकता होता है।
  • धन की प्राप्ति: यह स्तोत्र न केवल कर्ज को खत्म करता है, बल्कि धन, समृद्धि, और समृद्धि के नए अवसर भी उत्पन्न करता है।
  • आध्यात्मिक शांति: गणेश जी की कृपा से मानसिक शांति और आत्मविश्वास मिलता है, जिससे जीवन की चुनौतियों का सामना करना आसान हो जाता है।

स्तोत्र का मूल

यह स्तोत्र किसी विशेष पुराण या वेद से सीधे नहीं लिया गया है। यह एक संकलित स्तोत्र है जिसमें विभिन्न शास्त्रों और पुराणों से उद्धृत श्लोक एकत्रित किए गए हैं। इसमें भगवान गणेश के विभिन्न नामों और उनके गुणों का वर्णन किया गया है।

सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजित: फल-सिद्धए । सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥
त्रिपुरस्य वधात् पूर्वं शम्भुना सम्यगर्चित: । सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

अर्थ: सृष्टि की शुरुआत में ब्रह्मा जी ने फल की सिद्धि के लिए गणेश जी की पूजा की थी। त्रिपुरासुर का वध करने से पहले शिव जी ने भी गणेश जी की पूजा की थी। हे पार्वती नंदन, सदैव मेरा कर्ज नाश करें।

स्तोत्र का महत्व

  • कर्ज मुक्ति: यह स्तोत्र कर्ज से मुक्ति दिलाने के लिए विशेष रूप से जाना जाता है।
  • समृद्धि: इसके जाप से जीवन में समृद्धि आती है।
  • विघ्न निवारण: भगवान गणेश विघ्नहर्ता हैं, इसलिए यह स्तोत्र सभी प्रकार के विघ्नों को दूर करता है।
  • मन की शांति: नियमित जाप से मन शांत होता है और तनाव कम होता है।
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कैसे करें पाठ:

  • यह स्तोत्र सुबह के समय, विशेष रूप से बुधवार के दिन, एकांत स्थान पर शुद्धता से करें।
  • साथ में भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें नैवेद्य अर्पित करें।
  • स्तोत्र का नियमित पाठ व्यक्ति को मानसिक शांति और समृद्धि के मार्ग पर अग्रसर करता है।

निष्कर्ष:

ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र एक अद्भुत प्रार्थना है, जो कर्ज मुक्ति और वित्तीय समृद्धि के लिए अत्यंत प्रभावी है। यदि आप अपने जीवन में आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, तो इस स्तोत्र का जाप आपके लिए वरदान साबित हो सकता है। गणेश जी की कृपा से न केवल कर्ज का बोझ हल्का होता है, बल्कि एक नई ऊर्जा और उत्साह भी मिलता है, जो जीवन में समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करता है।

आध्यात्मिक रूप से समृद्ध और मानसिक शांति से भरपूर जीवन के लिए इस स्तोत्र का नियमित पाठ करें और भगवान गणेश के आशीर्वाद से समृद्धि की ओर अग्रसर हों।

पंडित Shiv Chandra Jha मो:- 9631487357 KB:- ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र Image Source google.Com

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प्रो. शिव चन्द्र झा, के.एस.डी.एस.यू., दरभंगा में धर्म शास्त्र के प्रख्यात प्रोफेसर रहे हैं। उनके पास शिक्षण का 40 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने Sanskrit भाषा पर गहन शोध किया है और प्राचीन पांडुलिपियों को पढ़ने में कुशलता रखते हैं।