जनवरी 2025 में पड़ने वाले व्रत-त्योहार

जनवरी 2025 में पड़ने वाले व्रत-त्योहार

जनवरी 2025 में पड़ने वाले व्रत-त्योहार – सनातन धर्म के दृष्टिकोण से जनवरी का महीना अत्यंत पवित्र और धार्मिक उत्सवों से परिपूर्ण माना जाता है। यह महीना व्रत, पूजा, दान और त्योहारों के कारण विशेष स्थान रखता है। जनवरी में प्रकृति और ज्योतिषीय घटनाओं के आधार पर कई महत्वपूर्ण पर्व मनाए जाते हैं, जिनमें लोहड़ी, मकर संक्रांति, पौष पुत्रदा एकादशी, और षटतिला एकादशी प्रमुख हैं।

दिनांकव्रत/त्योहार का नामविवरण
03 जनवरीविनायक चतुर्थीभगवान गणेश की पूजा का दिन।
05 जनवरीस्कंद षष्ठीभगवान कार्तिकेय की पूजा-भक्ति का पर्व।
06 जनवरीगुरु गोविंद सिंह जयंतीसिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह की उपासना का दिन।
07 जनवरीमासिक दुर्गा अष्टमीदेवी दुर्गा की पूजा का दिन।
09 जनवरीमासिक कार्तिगाई दीपमदीपों का त्योहार।
10 जनवरीपौष पुत्रदा, तैलंग स्वामी जयंती, बैकुंठ एकादशीभगवान विष्णु की पूजा, तैलंग स्वामी की जयंती।
11 जनवरीशनि त्रयोदशी और प्रदोष व्रतभगवान शिव और शनि देव की पूजा का दिन।
12 जनवरीस्वामी विवेकानंद जयंती और युवा दिवसयुवाओं को प्रेरित करने वाले स्वामी विवेकानंद की जयंती।
13 जनवरीपौष पूर्णिमा और लोहड़ीगंगा स्नान, जप-तप और दान का पर्व। उत्तर भारत में लोहड़ी धूमधाम से मनाई जाती है।
15 जनवरीमकर संक्रांति और बिहूसूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं। असम में बिहू पर्व मनाया जाता है।
17 जनवरीलम्बोदर संकष्टी चतुर्थी और सकट चौथभगवान गणेश की पूजा का दिन।
21 जनवरीकालाष्टमी और मासिक कृष्ण अष्टमीकाल भैरव देव को समर्पित दिन।
22 जनवरीरामलला प्रतिष्ठा दिवसरामलला के प्रतिष्ठा का दिन।
23 जनवरीसुभाष चंद्र बोस जयंतीमहान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की जयंती।
25 जनवरीषटतिला एकादशीभगवान विष्णु की पूजा का पर्व।
27 जनवरीप्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रिभगवान शिव की आराधना और व्रत का दिन।
29 जनवरीपौष अमावस्यापूजा, जप-तप और दान का दिन।
30 जनवरीमाघ नवरात्रि प्रारंभनौ दिनों तक देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का आरंभ।

मकर संक्रांति का महत्व

मकर संक्रांति को सूर्य देवता का पर्व माना जाता है। इस दिन सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं और उत्तरायण होते हैं। सूर्य का यह गोचर संक्रांति कहलाता है। इसे पवित्र समय मानते हुए भक्तगण गंगा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं और दान-पुण्य करते हैं। यह पर्व फसल कटाई के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है और इसे पूरे भारत में विभिन्न नामों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है।

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लोहड़ी का महत्व

मकर संक्रांति से एक दिन पूर्व उत्तर भारत में लोहड़ी का उत्सव मनाया जाता है। इसे मुख्यतः पंजाब और हरियाणा में फसल कटाई और नई फसल के स्वागत के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग अलाव के चारों ओर नृत्य करते हैं, मूंगफली, रेवड़ी, तिल और गुड़ के व्यंजनों का आदान-प्रदान करते हैं।

पौष पुत्रदा एकादशी

पौष पुत्रदा एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। यह व्रत विशेष रूप से संतान प्राप्ति और उसकी दीर्घायु के लिए रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से संतान संबंधी सभी कष्ट दूर होते हैं।

षटतिला एकादशी

षटतिला एकादशी का व्रत भी भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन तिल का विशेष महत्व होता है। तिल का उपयोग स्नान, भोजन और दान में किया जाता है। इसे करने से पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

जनवरी माह में यह सभी पर्व न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग दिखाते हैं, बल्कि सामूहिक उत्सवों के माध्यम से समाज को एकजुट करने का कार्य भी करते हैं। आइए, इस पवित्र महीने में पड़ने वाले सभी व्रत-त्योहारों का पुण्य लाभ उठाएं और अपनी जीवन यात्रा को सफल बनाएं।

जनवरी 2025 में पड़ने वाले व्रत-त्योहार – आचार्य आस्तिक कुमार झा वेद ज्योतिष कर्मकाण्ड विशेषज्ञ https://www.facebook.com/acharyaaastikkumar.jha 

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प्रो. शिव चन्द्र झा, के.एस.डी.एस.यू., दरभंगा में धर्म शास्त्र के प्रख्यात प्रोफेसर रहे हैं। उनके पास शिक्षण का 40 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने Sanskrit भाषा पर गहन शोध किया है और प्राचीन पांडुलिपियों को पढ़ने में कुशलता रखते हैं।