मकर संक्रांति पर जानिए कौन से दान करने से क्या लाभ मिलेगा

मकर संक्रांति पर जानिए कौन से दान करने से क्या लाभ मिलेगा

मकर संक्रांति पर जानिए कौन से दान करने से क्या लाभ मिलेगा -भारतवर्ष में सभी पर्व पर सामथ्र्य अनुसार दान करने की एक परम्परा है। साथ ही श्रद्धानुसार की गई साधनाओं और प्रयोगों के द्वारा सफलता प्राप्त करने की प्रत्येक व्यक्ति की चाह होती है। आज मैं आपको शनि और सूर्य से संबंधित प्रयोग बताने जा रहा हूं, जिनको करके आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।

मकर संक्रांति पर तिल का महत्व :~

तिल दो प्रकार के होते हैं: सफेद और काले। मकर संक्रांति के दिन काले तिल का उपयोग पूजा और दान में किया जाता है। पीपल पर जल चढ़ाते समय काले तिल के उपयोग से पितृ दोष दूर होता है। शिव पूजा में काले तिल का उपयोग धन प्राप्ति के लिए होता है। वहीं सफेद तिल खाने और व्रत में उपयोग करने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है। गंगाजल से स्नान के बाद काले तिल मिश्रित जल से भगवान सूर्य को अर्घ्य दें और “ऊं पितृभ्यो नमः” मंत्र की एक माला का जाप करें। इस दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और शिव मंदिर में जल में काले तिल मिलाकर भगवान शंकर का अभिषेक करें। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति, धन, विद्या और स्वास्थ्य का लाभ होता है।

मकर संक्रांति पर जानिए कौन से दान करने से क्या लाभ मिलेगा –

गुड़ का दान :~

मकर संक्रांति सबसे बड़ी संक्रांति मानी जाती है। इस दिन गुड़ का दान करने से पैतृक संपत्ति प्राप्त होती है। भोलेनाथ का दूध से अभिषेक करें और भगवान लक्ष्मीनारायण को गुड़ मिश्रित तुलसी जल चढ़ाएं। जिनकी कुंडली में मांगलिक दोष है, वे बंदरों को गुड़ और चना खिलाएं। नौकरी के लिए उड़द की दाल और गुड़ की खिचड़ी बनाकर खाएं और दूसरों को भी दें। गुड़ और काली मिर्च का दान या सेवन करने से शनिदेव की कृपा मिलती है। लाल कपड़े में गुड़, गेहूं और तांबे का सिक्का बांधकर दान करें, इससे शत्रुओं पर विजय और मुकदमों में राहत मिलती है।

घी का दान :~

घी का दान सुहाग की रक्षा के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन स्नान के बाद सूर्य भगवान की अष्टदल प्रतिमा बनाकर पूजा करें। शिव-पार्वती जी की पूजा भी करें। गंगाजल में घी, रोली, अक्षत और फूल डालकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दें। ब्राह्मण को तांबे के पात्र में चावल और घी भरकर दान दें। निर्धनों को घी, तिल के लड्डू, कंबल, चप्पल और अन्न का दान करें।

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शास्त्रों में भी अन्न, जल और औषधियों के दान को सर्वाेत्तम माना गया है। अन्न दान महादान। इससे किसी व्यक्ति की पेट की अग्नि को तृप्त करने में मदद् मिलती है। 

नमक का दान :~

इस दिन नमक का दान बहुत शुभ होता है। बच्चों के हाथों नमक दान करवाएं। दूध, दही, पनीर का दान भी उत्तम होता है। ऐसा करने से त्वचा सम्बन्धी समस्त रोगों से मुक्ति प्राप्त होती है। मुकदमें में विजय के लिए आज के दिन काले नमक का दान अच्छा माना गया है। 

वस्त्र का दान :~

प्रत्येक व्यक्ति की तीन मूलभूत आवश्यकताएं होती है, रोटी-कपड़ा और मकान। आज के दिन कपड़ों का दान शुभ माना गया है। कपड़ों के दान से व्यवसाय में उतरोत्तर उन्नति होती है। विद्यार्थियों के द्वारा किन्नरों को हरे रंग के वस्त्र दान करने से उनको विद्या में सफलता मिलती है। जिनकी कुण्डली में मांगलिक दोष है उन्हें आज के दिन लाल वस्त्रों का दान करना चाहिए। वहीं काले वस्त्रों का दान शनि के दोषों से मुक्ति देता है। क्योंकि इसी दिन सूर्य भगवान उत्तरायण में जाते हैं इसलिए मकर संक्रांति के दिन महालक्ष्मी का पूजन शुभ माना गया है। 

पान के पत्तों का दान :~

आज के दिन पान के पत्तों का दान बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि माता यशोदा ने भी भगवान कृष्ण को पाने के लिए व्रत रखा और पान के पत्तों का दान किया था। जिन बहन-बेटियों को संतान सुख की प्राप्ति नहीं हो रही है, वे आज के दिन संतान गोपाल यंत्र की विधिपूर्वक पूजा करें। इसके साथ व्रत रखें और एक समय बिना नमक का भोजन करें। यह उपाय संतान प्राप्ति के मार्ग में आ रही बाधाओं को दूर करने में सहायक माना गया है।

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मूंगफली का दान :~

आज के दिन मूंगफली मिश्रित खाद्य पदार्थ जैसे पोहा, उपमा या सफेद तिल और मूंगफली मिलाकर बने पुलाव का अधिक से अधिक सेवन करना बेहद शुभ माना गया है। इन खाद्य पदार्थों का सेवन करने के साथ-साथ उनका दान करने से भी जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है और शुभ फल की प्राप्ति होती है।। इनका दान भी शुभकारी होता है।

खजूर का दान :~

जिन बहन-बेटियों के विवाह में बाधाएं आ रही हों, जैसे बात बनते-बनते बिगड़ जाना, अच्छे रिश्ते न मिलना, कुंडली का न मिल पाना या वैवाहिक जीवन में किसी भी प्रकार की समस्याएं हो रही हों, ऐसी सभी बहन-बेटियों और विवाहित महिलाओं के लिए आज के दिन खजूर का दान करना अत्यंत लाभकारी माना गया है। इससे विवाह और दाम्पत्य जीवन की बाधाओं का निवारण होता है।

भारत में सभी पर्वों पर दान की परंपरा है। श्रद्धा और साधना से सफलता प्राप्त की जा सकती है। शनिदेव और सूर्यदेव से जुड़े उपाय करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

मकर संक्रांति को उत्तरायण सूर्य के आशीर्वाद प्राप्ति का पर्व माना जाता है। इस दिन स्नान के बाद सूर्यदेव का आशीर्वाद लेना शुभ माना जाता है, लेकिन केवल स्नान से ही बात नहीं बनती। इस पर्व पर दान का विशेष महत्व है। माना जाता है कि पूर्ण श्रद्धा और निष्ठा से किया गया दान सूर्यदेव के समान तेजस्वी और समृद्ध बना सकता है।

इस दिन सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश कर उत्तरायण हो जाते हैं। मकर राशि शनि की है और यह दिन सूर्यदेव के अपने पुत्र शनि से मिलने का पर्व माना जाता है। मांगलिक दोष से प्रभावित लोग इस दिन कुछ विशेष वस्तुओं का दान करके दोषमुक्त हो सकते हैं।

व्यावसायियों के लिए भी यह दिन बहुत शुभ है। मकर संक्रांति पर दान किए गए सामान से व्यापार में वृद्धि और उन्नति के नए अवसर मिलते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन मकर राशि में लक्ष्मीवान बनने का विशेष गुण विद्यमान होता है। यदि इस दिन सही वस्तुओं का दान किया जाए, तो दरिद्रता का नाश होकर घर-आंगन में महालक्ष्मी का वास होता है, जो सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं।

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शनिदेव और सूर्यदेव का आशीर्वाद:
यह भी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन श्रद्धापूर्वक किया गया दान न केवल सूर्यदेव का आशीर्वाद दिलाता है, बल्कि शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं। तिल और गोंद से बनी वस्तुओं का दान इस दिन का प्रचलन है। इसके अतिरिक्त शनि से जुड़ी वस्तुएं जैसे-

  • लोहे का तवा,
  • काला कंबल,
  • काले जूते,
  • काला छाता, आदि

दान करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। इससे मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और राह में आने वाली बाधाओं से छुटकारा मिलता है।

दान का चिरकालिक फल: मकर संक्रांति पर जानिए कौन से दान करने से क्या लाभ मिलेगा
मकर संक्रांति के दिन किया गया दान केवल इस जन्म में ही नहीं, बल्कि जन्म-जन्मांतरों तक लाभकारी होता है। इसलिए इस दिन पूरे श्रद्धा भाव के साथ दान करके पुण्य अर्जित करना चाहिए।

Shiv Chandra Jha Mo:- 9631487357 Shiv.Chandra@praysure.in

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प्रो. शिव चन्द्र झा, के.एस.डी.एस.यू., दरभंगा में धर्म शास्त्र के प्रख्यात प्रोफेसर रहे हैं। उनके पास शिक्षण का 40 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने Sanskrit भाषा पर गहन शोध किया है और प्राचीन पांडुलिपियों को पढ़ने में कुशलता रखते हैं।