पुण्यश्लोकोंका स्मरण – बस पाँच मिनट ले इनका नाम, बनेंगे सारे बिगरे काम – आज के व्यस्त जीवन में लोगो के पास पूजन कार्य हेतु समय ना के बराबर रहता है | जिस कारण वे हमेशा जीवन के अनेक उलझनों में फंसे रहते हैं | विभीन्न पुराणो में कहा गया है कलयुग में सिर्फ प्रभू का नाम लेने से ही बिगरे काम बन जाते हैं, यहाँ तक की ये बातें तुलसीदास जी ने रामचरित्र मानस में भी कही है |
पद्मपुराण में कई एसे नामो की चर्चा की गई है जिनके स्मरण मात्र से मनुष्य के रोग, दोष, दुख, द्ररिद्रता सबों का नाश हो जाता है | तो आईये अत्यन्त श्रद्धा भक्तिपूर्वक उन महानुभावों का नाम जप करें ताकि उन जैसा ही तेज , वैसी ही महानता, उनकी भुजाओं सी पराक्रमता एवं उनका पुण्यबल वे सब हमें प्राप्त होँ :-
पुण्यश्लोकोंका स्मरण
पुण्यश्लोको नलो राजा पुण्यश्लोको जनार्दन: I
पुण्यश्लोका च वैदेही पुण्यश्लोको युधिष्ठिर: II
आईये अब इन दीर्घायु लोगो का नाम लें जिन्होने प्रभू भक्ति से चिरंजीवी होने का वरदान प्राप्त किया है |
अश्वत्थामा बलिर्व्यासो हनूमांश्च विभीषण: I
कृप: परशुरामश्च सप्तैते चिरजीविन: II
सप्तैतान संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम I
जीवेद वर्षशतं साग्रमपमृत्युविवर्जित: II
कर्कोटकस्य नागस्य दमयन्त्या नलस्य च I
ऋतुपर्णस्य राजर्षे: कीर्तनं कलिनाशनम II
अब आगे हम भगवान के परम भक्तो का स्मरण करेंगे |
प्रह्लादनारदपराशरपुण्डरीक व्यासाम्बरीषशुकशौनकभीष्मदाल्भ्यान
रुक्मांगदार्जुनवसिष्ठविभीषणादीन पुण्यानिमान परमभागवतान नमामि II
धर्मो विवर्धति युधिष्ठिरकीर्तनेन पापं प्रणश्यति वृकोदरकीर्तनेन I
शत्रुर्विनश्यति धनंजयकीर्तनेन माद्रीसुतौ कथयतां न भवन्ति रोगा: II
वाराणस्यां पूर्वभागे व्यासो नारायण: स्वयं I
तस्य स्मरणमात्रेण अज्ञानी ज्ञानवान भवेत् II
वाराणस्यां पश्चिमे भागे भीमचण्ड़ी महासती I
तस्या: स्मरणमात्रेण सर्वदा विजयी भवेत् II
वाराणस्यां उत्तरे भागे सुमन्तुर्नाम वै द्विज: I
तस्य स्मरणमात्रेण निर्धनो धनवान् भवेत् II
वाराणस्यां दक्षिणे भागे कुक्कुटो नाम ब्राह्मण: I
तस्य स्मरणमात्रेण दु:स्वप्न: सुस्वप्नो भवेत् II
उमा उषा च वैदेही रमा गंगेति पञ्चकम् I
प्रातरेव पठेन्नित्यं सौभाग्यं वर्धते सदा II
ये पांच दिव्य देव इनका स्मरण भी अनिवार्य है क्योंकि यही तो आपके रोगों को मिटायेंगे :-
सोमनाथो वैद्यनाथो धन्वन्तरिरथाश्विनौ I
पञ्चैतान् य: स्मरेन्नित्यं व्याधिस्तस्य न जायते II
वासुकि आदि ये पांच महानाग इनके प्रात: स्मरण से विषबाधा का नाश होता है, मानसिक तनाव, अवसाद आदि मानसिक रोग दूर होते हैं :-
कपिला कालियोSनन्तो वासुकिस्तक्षकस्तथा I
पञ्चैतान् स्मरतो नित्यं विषबाधा न जायते II
कहीं आप घोर संकट में ना पड़ जाएं इसलिए हनुमान आदि इन पांच देवों का नाम ले लेते हैं :-
हरं हरिं हरिश्चन्द्रम् हनूमन्तं हलायुधम् I
पञ्चकं वै स्मरेन्नित्यं घोरसंकटनाशनम् II
आपकी हर इच्छा परिपूर्ण हो भूख प्यास आदि तृष्णाएँ आपको न सताएं इसलिए ये मन्त्र बोलिए :-
आदित्यश्च उपेन्द्रश्च चक्रपाणिर्महेश्वर: I
दण्डपाणि: प्रतापी स्यात् क्षुत्तृड्बाधा न बाधते II
वसुर्वरुणसोमौ च सरस्वती च सागर: I
पञ्चैतान् संस्मरेद् यस्तु तृषा तस्य न बाधते II
अनावश्यक काम बाधा, बुरे विचार इनसे बचने के लिए आप कहें तो एक मन्त्र बता दूं :-
सनत्कुमारदेवर्षिशुकभीष्मप्लवंगमा: I
पञ्चैतान् स्मरतो नित्यं कामस्तस्य न बाधते II
आपका ये फूलों सा कोमल जीवन और इतनी बड़ी- बड़ी परेशानियाँ, ये बाधाएँ कहीं ये आपको दुखी न कर दें ऐसा सोच कर ही मेरे मन ने कहा की ये मन्त्र मैं आपको बता दूं :-
रामलक्ष्मणौ सीता च सुग्रीवो हनुमान कपि: I
पञ्चैतान् स्मरतो नित्यं महाबाधा प्रमुच्यते I
अब इन पवित्र नदियों का नाम लें |
विश्वेशं माधवं ढुण्ढिम् दण्डपाणिम च भैरवं I
वन्दे काशीं गुहां गंगां भवानीं मणिकर्णिकां II
अब भगवान शंकर के वास:स्थान द्वादश ज्योतिर्लिंगों के नामो का स्मरण करें |
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम् I
उज्जयिन्यां महाकालमोम्कारममलेश्वरम् II
केदारं हिमवत्पृष्ठे डाकिन्यां भीमशंकरम् I
वाराणस्यां च विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे II
वैद्यनाथं चिताभूमौ नागेशं दारुकावने I
सेतुबन्धे च रामेशं घुश्मेशं च शिवालये II
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय य: पठेत् I
सर्वपापविनिर्मुक्त: सर्वसिद्धिफलो भवेत् II
पद्मपुराण एवं महाभारत में वर्णित इन नामो के स्मरण से मनुष्य के अनेक पाप नष्ट होते हैं और सुखों में वृद्धि होती अगर विश्वास ना हो तो बस कुछ दिन आजमाकर देख लिजीए |
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