पुत्र शब्द का अर्थ ही होता है, पुत नामक नरक से रक्षा करने वाला | प्रत्येक दम्पति चाहतें हैं की उन्हे कम से कम एक पुत्र अवश्य हो | पौराणिक शास्त्रो में भी पुत्र का होना पित्तरों के निमित अति आवश्यक माना गया है | तो आइये आज हम जानते है पुत्र प्राप्ति हेतु क्या करें और इसके प्रमाणित वैदिक उपाय क्या हैं |
प्रत्येक दम्पति चाहतें हैं की उन्हे कम से कम एक पुत्र अवश्य हो | पौराणिक शास्त्रो में भी पुत्र का होना पित्तरों के निमित अति आवश्यक माना गया है |
वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसे प्रमुख दोष बताये गए है जिनके कारण संतान की प्राप्ति नहीं होती या वंश वृद्धि रुकती है | इस समस्या के पीछे की वास्तविकता..क्या है इसका शास्त्रीय और ज्योतिषीय आधार क्या है ये आप अपनी जन्म कुंडली के द्वारा किसी ज्योतिषी से सलाह कर जानकारी प्राप्त कर सकते है
पुत्र प्राप्ति हेतु क्या करें Table of Contents
पुत्र प्राप्ति हेतु क्या करें , प्रमाणित मंत्र |
इसके लिए आप हरिवंश पुराण का पाठ या संतान गोपाल मंत्र का जाप करे
पति-पत्नी दोनों सुबह स्नान कर पूरी पवित्रता के साथ इस मंत्र का जप तुलसी की माला से करें।
- संतान गोपाल मंत्र :-” ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ।” इस मंत्र का बार रोज 108 जाप करे और मंत्र जप के बाद भगवान को समर्पित भाव से निरोग, दीर्घजीवी, अच्छे चरित्रवाला, सेहतमंद पुत्र की कामना करें । अपने कमरे में श्री कृष्ण भगवान की बाल रूप की फोटो लगाये या लड्डू गोपाल को रोज माखन मिसरी की भोग अर्पण करे.
- कई बार प्रायः देखने में आया है की विवाह के वर्षो बाद भी गर्भ धारण नहीं हो पाता या बार-बार गर्भपात हो जाता है, ज्योतिष में इस समस्या या दोष का एक प्रमुख कारण पति या पत्नी की कुंडली में संतान दोष अथवा पितृ दोष हो सकता है या घर का वास्तुदोष भी होता है, जिसके कारण गर्भ धारण नहीं हो पाता या बार-बार गर्भपात हो जाता है | इस हेतु पुत्र प्राप्ति का गणपति मंत्र :-
श्री गणपति की मूर्ति पर संतान प्राप्ति की इच्छुक महिला प्रतिदिन स्नानादि से निवृत होकर एक माह तक बिल्ब फल चढ़ाकर इस मंत्र की 11 माला प्रतिदिन जपने से संतान प्राप्ति होती है।
‘ॐ पार्वतीप्रियनंदनाय नम:’
- पुत्र प्राप्ति के लिए मंत्र संतान गणपति स्तोत्र:-
पुत्र प्राप्ति के लिए संतान गणपति स्तोत्र
नमो स्तु गणनाथाय सिद्धिबुद्धियुताय च ।
सर्वप्रदाय देवाय पुत्रवृद्धिप्रदाय च ।।
गुरूदराय गुरवे गोप्त्रे गुह्यासिताय ते ।
गोप्याय गोपिताशेषभुवना चिदात्मने ।।
विŸवमूलाय भव्याय विवसृष्टिकराय ते ।
नमो नमस्ते सत्याय सत्यपूर्णाय शुण्डिने ।।
एकदन्ताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नम: ।
प्रपन्नजनपालाय प्रणतार्तिविनाशिने ।।
शरणं भव देवेश संतति सुदृढां कुरू ।
भवष्यन्ति च ये पुत्रा मत्कुले गणनायक ।।
ते सर्वे तव पूजार्थे निरता: स्युर्वरो मत: ।
पुत्रप्रदमिदं स्तोत्रं सर्वसिद्धप्रदायकम् ।।—————————————–
- सावन में भगवान पार्थिव लिंग के अभिषेक करना और शिव की प्रसन्नता के लिए शिव स्तुति और स्त्रोत पाठ करने का विशेष महत्व है। इन स्त्रोतों में शिव महिम्र स्त्रोत सबसे प्रभावी माना जाता है। इस स्त्रोत का पूरा पाठ तो शुभ फल देने वाला है ही, बल्कि यह ऐसा देव स्त्रोत है, जिसका कामना विशेष की पूर्ति के लिए प्रयोग भी निश्चित फल देने वाला होता है। शिव महिम्र स्त्रोत के इन प्रयोगों में एक है – पुत्र प्राप्ति प्रयोग। पुत्र की प्राप्ति दांपत्य जीवन का सबसे बड़ा सुख माना जाता है। इसलिए हर दंपत्ति ईश्वर से पुत्र प्राप्ति की कामना करता है। अनेक नि:संतान दंपत्ति भी पुत्र प्राप्ति के लिए धार्मिक उपाय अपनाते हैं। शास्त्रों में शिव महिम्र स्त्रोत के पाठ से पुत्र प्राप्ति का उपाय बताया है। आइये जानते है प्रयोग विधि –
- पुत्र प्राप्ति का यह उपाय विशेष तौर पर सावन माह से शुरु करें।
- स्त्री और पुरुष दोनों सुबह जल्दी उठे। स्त्री इस दिन उपवास रखे।
- पति-पत्नी दोनों साथ मिलकर गेंहू के आटे से ११ पार्थिव लिंग बनाए। पार्थिव लिंग विशेष मिट्टी के बनाए जाते हैं।
- पार्थिव लिंग को बनाने के बाद इनका शिव महिम्र स्त्रोत के श्लोकों से पूजा और अभिषेक के ११ पाठ स्वयं करें। अगर ऐसा संभव न हो तो पूजा और अभिषेक के लिए सबसे श्रेष्ठ उपाय है कि यह कर्म किसी विद्वान ब्राह्मण से कराएं। पार्थिव लिंग निर्माण और पूजा भी ब्राह्मण के बताए अनुसार कर सकते हैं।
- पार्थिव लिंग के अभिषेक का पवित्र जल पति-पत्नी दोनों पीएं और शिव से पुत्र पाने के लिए प्रार्थना करें।
- यह प्रयोग २१ या ४१ दिन तक पूरी श्रद्धा और भक्ति से करने पर शिव कृपा से पुत्र जन्म की कामना शीघ्र ही पूरी होती है।
पुत्र प्राप्ति हेतु क्या करें , कुछ और उपाय:-

- यदि कन्या के बाद पुत्र कि कामना हो तो ये प्रयोग करें – उत्पन्न हुई कन्या का विदिवत पूजन करें | उसे नमस्कार करें और बन्धु – बांधवों को खीर एवं जलेबी का भोजन कराए | ऐसा करने से भविष्य में पुत्र अवस्य होता हैं |
- जिस स्त्री के पहली संतान लड़का हो, उस लड़के कि नाल जो नि: संतान स्त्री खोलती हैं, वह अवस्य ही पुत्र रत्न से विभूषित होगी |
- पीपल का वृक्ष जिस शमी के उपर उग रहा हो, उस वृक्ष के नीचे जाकर पति – पत्नी दोनों अपनी मनोकामना प्रकट करते हुए वृक्ष का स्पर्श व् प्रणाम कर यह संकल्प करे कि ” गर्भाधान होने तथा पुंसवन के पश्चात जब पुत्ररत्न की प्राप्ति होगी, तब ‘मुंडन – संस्कार ‘ यहीं पर आप की छाया में बैठकर कराएगे | इस टोटके को करने से बंध्या स्त्री भी पुत्र – रत्न को प्राप्त कर लेती हैं |
- पुष्य नक्षत्र में अश्वगन्धा की जड़ को उखाड़कर गाय के दूध के साथ सिल पर पीसकर पीने से दूध का आहार ऋतुकाल के उपरांत शुद्ध होने पर पीते रहने से, स्त्री की पुत्र प्राप्ति की अभिलाषा अवस्य पूरण हो जाती हैं |
- पलाश (टेशू) के पांच कोमल पत्ते किसी स्त्री के दूध में पीसे और जो बांझ स्त्री मासिक धर्म के चोथे दिन स्नान करके उसे खा लेगी, वह निश्चय हैं पुत्र की माता बनने का सोभाग्य प्राप्त करती हैं | ताकतवर और गोरे पुत्र के लिए गर्भवती स्त्री को पलाश के एक पत्ते को लेकर पीसकर गाय के दूध के साथ रोज पीना चाहिए।
श्रेष्ठ और मनचाही संतान प्राप्ति के लिए करें यह उपाय:-

यदि किसी व्यक्ति को संतान प्राप्ति में समस्या आ रही हो, तो ऐसे व्यक्ति इस लेख में लिखे गये सरल उपायों को अपना कर संतान की प्राप्ति अति ही सहजता के साथ कर सकते हैं। किंतु उपायों को अति सावधानी से व श्रद्धा के साथ करना अति आवश्यक होता है।
उपाय निम्नवत हैं: पुत्र प्राप्ति हेतु क्या करें
- दंपति को गुरुवार का व्रत रखना चाहिए।
- गुरुवार के दिन पीले वस्त्र धारण करें, पीली वस्तुओं का यथासंभव दान करें, पीला भोजन ही करें।
- माता बनने की इच्छुक महिला को चाहिए गुरुवार के दिन गेंहू के आटे की 2 मोटी लोई बनाकर उसमें भीगी चने की दाल और थोड़ी सी हल्दी मिलाकर नियमपूर्वक गाय को खिलाएं।
- शुक्ल पक्ष में बरगद के पत्ते को धोकर साफ करके उस पर कुंकुम से स्वस्तिक बनाकर उस पर थोड़े से चावल और एक सुपारी रखकर सूर्यास्त से पहले किसी मंदिर में अर्पित कर दें और प्रभु से संतान का वरदान देने के लिए प्रार्थना करें निश्चय ही संतान की प्राप्ति होगी ।
- गुरुवार के दिन पीले धागे में पीली कौड़ी को कमर में बांधने से संतान प्राप्ति का प्रबल योग बनता है।
- माता बनने की इच्छुक महिला को पारद शिवलिंग का रोजाना दूध से अभिषेक करें उत्तम संतान की प्राप्ति
- होगी ।
- हर गुरुवार को भिखारियों को गुड़ का दान देने से भी संतान सुख प्राप्त होता है ।
- पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में आम की जड़ को लाकर उसे दूध में घिसकर स्त्री को पिलाएं यह सिद्ध एंवम परीक्षित प्रयोग है ।
- रविवार को छोड़कर अन्य सभी दिन निसंतान स्त्री यदि पीपल पर दीपक जलाए और उसकी परिक्रमा करते हुए संतान की प्रार्थना करें उसकी इच्छा अति शीघ्र पूरी होगी ।
- श्वेत लक्ष्मणा बूटी की 21 गोली बनाकर उसे नियमपूर्वक गाय के दूध के साथ लेने से संतान सुख की अवश्य ही प्राप्ति होती है ।
- उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में नीम की जड़ लाकर सदैव अपने पास रखने से निसंतान दम्पति को संतान सुख अवश्य प्राप्त होता है ।
- नींबू की जड़ को दूध में पीसकर उसमे शुद्ध देशी घी मिला कर सेवन करने से पुत्र प्राप्ति की संभावना बड़ जाती है ।
- पहली बार ब्याही गाय के दूध के साथ नागकेसर के चूर्ण का लगातार 7 दिन सेवन करने से संतान पुत्र उत्पन्न होता है ।
- सवि ( सांवा) का भात और मुंग की दाल खाने से बांझ पन दूर होता है और पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है ।
- गर्भ का जब तीसरा महीना चल रहा हो तो गर्भवती स्त्री को शनिवार को थोडा सा जायफल और गुड़ मिलाकर खिलाने से अवश्य ही पुत्र रत्न की प्राप्ति होगी ।
- पुराने चावल को धोकर भिगो दें बनाने से पहले उसके पानी को अलग करके उसमें नीबूं की जड़ को महीन पीसकर उस पानी को स्त्री पी कर अपने पति से सम्बन्ध बनाये वह स्त्री कन्या को जन्म देगी ।
- संतान प्राप्ति के लिए पति-पत्नी दोनों को रामेश्वरम् की यात्रा करनी चाहिए तथा वहां सर्प-पूजन करवाना चाहिए। इस कार्य को करने से संतान-दोष समाप्त होता है।
- स्त्री में कमी के कारण संतान होने में बाधा आ रही हो, तो लाल गाय व बछड़े की सेवा करनी चाहिए। लाल या भूरा कुत्ता पालना भी शुभ रहता है।
- यदि विवाह के दस या बारह वर्ष बाद भी संतान न हो, तो मदार की जड़ को शुक्रवार को उखाड़ लें। उसे कमर में
- बांधने से स्त्री अवश्य ही गर्भवती हो जाएगी।
- जब गर्भ धारण हो गया हो, तो चांदी की एक बांसुरी बनाकर राधा-कृष्ण के मंदिर में पति-पत्नी दोनों गुरुवार के दिन चढ़ायें तो गर्भपात का भय/खतरा नहीं होता।
- यदि बार-बार गर्भपात होता है, तो शुक्रवार के दिन एक गोमती चक्र लाल वस्त्र में सिलकर गर्भवती महिला के कमर पर बांध दें। गर्भपात नहीं होगा।
- जिन स्त्रियों के सिर्फ कन्या ही होती है, उन्हें शुक्र मुक्ता पहना दी जाये, तो एक वर्ष के अंदर ही पुत्र-रत्न की प्राप्ति होगी।
- यदि बच्चे न होते हों या होते ही मर जाते हों, तो मंगलवार के दिन मिट्टी की हांडी में शहद भरकर श्मशान में दबायें।
विशेष पुत्र प्राप्ति हेतु क्या करें :– भारत में पितृ सत्तात्मक परिवार होने तथा लगभग सभी धर्मों में पुत्र को विशेषाधिकार प्रदान किये जाने के कारण ज्यादातर मॉं-बाप की अभिलाषा रहती है कि उनके आंगन मेंलड़के की किलकारियां अवश्य गूंजे। इसी चाहत का फायदा उठाकर जहां बहुत से नीम-हकीम लोगों की जेबें ढीली करते रहते हैं, वही बाबा, स्वामी और तांत्रिकों को लोगों का शोषण करने का सौभाग्य प्राप्त होता रहा है। हालांकि बदलते समय के साथ लड़कियों ने अपनी योग्यता के द्वारा यह सिद्ध कर दिया है कि वे लड़कों से किसी मामले में कम नहीं होतीं, बावजूद इसके यह भेड़चाल जारी है।
पुत्र प्राप्ति हेतु क्या करें FAQ
प्रश्न 1: पुत्र का महत्व क्यों बताया गया है?
प्रश्न 2: पुत्र प्राप्ति के लिए कौन से मंत्रों का जाप करना चाहिए?
इसे सुबह स्नान के बाद तुलसी की माला से 108 बार जपें।
गणपति मंत्र:मंत्र: “ॐ पार्वतीप्रियनंदनाय नम:”
प्रतिदिन 11 माला जप करें और श्री गणपति को बिल्व फल अर्पित करें।
प्रश्न 3: गर्भधारण में समस्या होने पर कौन-कौन से ज्योतिषीय कारण हो सकते हैं?
पितृ दोष।
घर में वास्तु दोष।
इन समस्याओं के समाधान के लिए ज्योतिषी से सलाह लेना चाहिए।
प्रश्न 4: पुत्र प्राप्ति के लिए कौन-कौन से धार्मिक उपाय किए जा सकते हैं?
शिव महिम्र स्तोत्र का पाठ और पार्थिव लिंग का अभिषेक।
गुरुवार का व्रत और पीले वस्त्र धारण करना।
रामेश्वरम यात्रा और सर्प पूजा।
बरगद के पत्ते पर स्वस्तिक बनाकर मंदिर में अर्पण करना।
प्रश्न 5: क्या गर्भपात से बचने के लिए कोई उपाय है?
गोमती चक्र को लाल कपड़े में सिलकर गर्भवती महिला की कमर पर बांधें।
शुक्रवार को मदार की जड़ कमर में बांधें।
प्रश्न 6: पुत्र प्राप्ति के लिए घरेलू उपाय क्या हैं?
पलाश (टेशू) के पत्तों का उपयोग।
पहली बार ब्याही गाय के दूध के साथ नागकेसर का सेवन।
नींबू की जड़ का दूध में घिसकर सेवन।
पीपल के वृक्ष की पूजा और परिक्रमा।
प्रश्न 7: पुत्र प्राप्ति के लिए कौन-कौन से विशेष अनुष्ठान किए जा सकते हैं?
श्रीकृष्ण की बाल रूप की पूजा करें और उन्हें माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
माता-पिता को गुरुवार के दिन गाय को गुड़ और चने की दाल खिलानी चाहिए।
प्रश्न 8: क्या इन उपायों की सफलता सुनिश्चित है?
प्रश्न 9: क्या पुत्र प्राप्ति के लिए ये उपाय वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सही हैं?
प्रश्न 10: क्या लड़कियों का महत्व कम है?
लिखे गए सभी प्रयोग में जो उचित लगे आप किसी पे बुद्धि विवेक से तथा किसी जानकार पंडित से सलाह लेकर निष्ठां पूर्वक संकल्प के साथ प्रयोग करे और बाकी प्रभु पे छोड दे |
पंडित रवि शास्त्री मो:- 9587867510 Keyword पुत्र प्राप्ति हेतु क्या करें
उपरोक्त दिए गए उपाय पौराणिक एवं वैदिक हैं ये उपाय सबों के लिए समान नहीं होते हैं | आपसे से अनुरोध है की इन उपायों को करने से पहले किसी अच्छे ज्योतिष से राय अवश्य लें |
नम्र निवेदन :-प्रभु की कथा से यह भारत वर्ष भरा परा है | अगर आपके पास भी हिन्दू धर्म से संबधित कोई कहानी है तो आप उसे प्रकाशन हेतु हमें भेज सकते हैं | अगर आपका लेख हमारे वैबसाइट के अनुकूल होगा तो हम उसे अवश्य आपके नाम के साथ प्रकाशित करेंगे |अपनी कहानी यहाँ भेजें |Praysure कोTwitterपर फॉलो, एवंFacebookपेज लाईक करें |