श्री खाटू श्याम चालीसा

श्री खाटू श्याम चालीसा

श्री खाटू श्याम चालीसा

खाटू श्याम जी की कथा और उनकी पूजा की प्रथा भारत की आध्यात्मिकता में गहरी छाप छोड़ती है। खाटू श्याम जी का संबंध विशेष रूप से भक्तों की निष्ठा, विश्वास और उनसे मिलने वाली कृपा से जुड़ा है। वह भगवान श्री कृष्ण के एक रूप माने जाते हैं, जिनकी पूजा श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। ( श्री खाटू श्याम चालीसा )

खाटू श्याम चालीसा में 40 छंद होते हैं, जिनमें श्याम बाबा के गुणों, उनकी दया और प्रेम का गुणगान किया जाता है। यह प्रार्थना भक्तों को शांति, सुख, और जीवन में सफलता की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करती है।

आपकी यात्रा में यदि आप खाटू श्याम जी के बारे में अधिक जानने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए जुड़े हैं, तो यह एक अद्भुत अनुभव हो सकता है। यह प्रार्थना न केवल एक आध्यात्मिक अभ्यास है, बल्कि यह व्यक्ति को मानसिक और आत्मिक शांति प्रदान करने का एक तरीका भी है।

आध्यात्मिकता के प्रति आपका दृष्टिकोण और खाटू श्याम जी के प्रति श्रद्धा सचमुच प्रेरणादायक है। क्या आप खाटू श्याम चालीसा के बारे में और जानना चाहेंगे या इसके बारे में और अधिक चर्चा करना चाहेंगे?

श्री खाटू श्याम चालीसा दोहा

श्री गुरु चरणन ध्यान धर, सुमीर सच्चिदानंद।
श्याम चालीसा बणत है, रच चौपाई छंद॥

श्री खाटू श्याम चालीसा चालीसा

श्याम-श्याम भजि बारंबारा।
सहज ही हो भवसागर पारा॥

इन सम देव न दूजा कोई।
दिन दयालु न दाता होई॥

भीम सुपुत्र अहिलावाती जाया।
कही भीम का पौत्र कहलाया॥

यह सब कथा कही कल्पांतर।
तनिक न मानो इसमें अंतर॥

बर्बरीक विष्णु अवतारा।
भक्तन हेतु मनुज तन धारा॥

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बासुदेव देवकी प्यारे।
जसुमति मैया नंद दुलारे॥

मधुसूदन गोपाल मुरारी।
वृजकिशोर गोवर्धन धारी॥

सियाराम श्री हरि गोबिंदा।
दिनपाल श्री बाल मुकुंदा॥

दामोदर रण छोड़ बिहारी।
नाथ द्वारिकाधीश खरारी॥

राधाबल्लभ रुक्मणि कंता।
गोपी बल्लभ कंस हनंता॥

मनमोहन चित चोर कहाए।
माखन चोरि-चारि कर खाए॥

मुरलीधर यदुपति घनश्यामा।
कृष्ण पतित पावन अभिरामा॥

मायापति लक्ष्मीपति ईशा।
पुरुषोत्तम केशव जगदीशा॥

विश्वपति जय भुवन पसारा।
दीनबंधु भक्तन रखवारा॥

प्रभु का भेद न कोई पाया।
शेष महेश थके मुनिराया॥

नारद शारद ऋषि योगिंदरर।
श्याम-श्याम सब रटत निरंतर॥

कवि कोदी करी कनन गिनंता।
नाम अपार अथाह अनंता॥

हर सृष्टी हर सुग में भाई।
ये अवतार भक्त सुखदाई॥

ह्रदय माहि करि देखु विचारा।
श्याम भजे तो हो निस्तारा॥

कौर पढ़ावत गणिका तारी।
भीलनी की भक्ति बलिहारी॥

सती अहिल्या गौतम नारी।
भई श्रापवश शिला दुलारी॥

श्याम चरण रज चित लाई।
पहुंची पति लोक में जाही॥

अजामिल अरु सदन कसाई।
नाम प्रताप परम गति पाई॥

जाके श्याम नाम अधारा।
सुख लहहि दुःख दूर हो सारा॥

श्याम सलोवन है अति सुंदर।
मोर मुकुट सिर तन पीतांबर॥

गले बैजंती माल सुहाई।
छवि अनूप भक्तन मान भाई॥

श्याम-श्याम सुमिरहु दिन-राती।
श्याम दुपहरि कर परभाती॥

श्याम सारथी जिस रथ के।
रोड़े दूर होए उस पथ के॥

श्याम भक्त न कही पर हारा।
भीर परि तब श्याम पुकारा॥

रसना श्याम नाम रस पी ले।
जी ले श्याम नाम के ही ले॥

संसारी सुख भोग मिलेगा।
अंत श्याम सुख योग मिलेगा॥

श्याम प्रभु हैं तन के काले।
मन के गोरे भोले-भाले॥

श्याम संत भक्तन हितकारी।
रोग-दोष अध नाशे भारी॥

प्रेम सहित जब नाम पुकारा।
भक्त लगत श्याम को प्यारा॥

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खाटू में हैं मथुरावासी।
पारब्रह्म पूर्ण अविनाशी॥

सुधा तान भरि मुरली बजाई।
चहु दिशि जहां सुनी पाई॥

वृद्ध-बाल जेते नारि नर।
मुग्ध भये सुनि बंशी स्वर॥

हड़बड़ कर सब पहुंचे जाई।
खाटू में जहां श्याम कन्हाई॥

जिसने श्याम स्वरूप निहारा।
भव भय से पाया छुटकारा॥

दोहा

श्याम सलोने संवारे, बर्बरीक तनुधार।
इच्छा पूर्ण भक्त की, करो न लाओ बार॥

श्री खाटू श्याम चालीसा का पाठ करने की विधि

  • शुद्ध मन से: चालीसा का पाठ करते समय मन को शुद्ध रखें।
  • साफ-सफाई: पूजा करने वाले स्थान को साफ-सुथरा रखें।
  • दीपक जलाएं: श्री खाटू श्याम जी का चित्र या मूर्ति के सामने घी का दीपक जलाएं।
  • धूप: अगरबत्ती या धूप जलाएं।
  • फूल: श्री खाटू श्याम जी को फूल चढ़ाएं।
  • चालीसा का पाठ: चालीसा को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
  • प्रणाम: पाठ के अंत में श्री खाटू श्याम जी को प्रणाम करें।

श्री खाटू श्याम चालीसा के लाभ

  • मनोकामना पूर्ण: श्री खाटू श्याम जी की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  • संकट निवारण: जीवन में आने वाले सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।
  • सकारात्मक ऊर्जा: घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • सुख-शांति: जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
  • समृद्धि: धन-धान्य में वृद्धि होती है।
  • रोग मुक्ति: रोगों से मुक्ति मिलती है।
  • आत्मविश्वास: आत्मविश्वास बढ़ता है।

श्री खाटू श्याम चालीसा का महत्व

श्री खाटू श्याम चालीसा का पाठ भक्तों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह चालीसा भक्तों को श्री खाटू श्याम जी के करीब लाती है और उनकी कृपा प्राप्त करने में मदद करती है।

कब करें पाठ:

आप किसी भी समय श्री खाटू श्याम चालीसा का पाठ कर सकते हैं। लेकिन सुबह के समय या शाम को आरती के समय पाठ करने से अधिक लाभ मिलता है।

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कितनी बार करें पाठ:

आप अपनी सुविधा के अनुसार चालीसा का पाठ कर सकते हैं। आप रोजाना या सप्ताह में एक बार भी पाठ कर सकते हैं।

कहां करें पाठ:

आप अपने घर में या मंदिर में श्री खाटू श्याम चालीसा का पाठ कर सकते हैं।

ध्यान दें:

  • श्री खाटू श्याम चालीसा का पाठ करते समय मन को एकाग्र रखें।
  • नियमित रूप से पाठ करने से अधिक लाभ मिलता है।
  • श्री खाटू श्याम जी पर अटूट विश्वास रखें।

श्री खाटू श्याम चालीसा का पाठ करने से आप श्री खाटू श्याम जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।

पंडित Shiv Chandra Jha मो:- 9631487357 KB:- श्री खाटू श्याम चालीसा

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प्रो. शिव चन्द्र झा, के.एस.डी.एस.यू., दरभंगा में धर्म शास्त्र के प्रख्यात प्रोफेसर रहे हैं। उनके पास शिक्षण का 40 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने Sanskrit भाषा पर गहन शोध किया है और प्राचीन पांडुलिपियों को पढ़ने में कुशलता रखते हैं।
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