सूर्य देव के 108 नाम

सूर्य देव के 108 नाम

सूर्य देव के 108 नाम :- हिन्दू धर्मानुसार भगवान सूर्य देव एक मात्र ऐसे देव हैं जो साक्षात लोगों को दिखाई देते हैं। सूर्य देव का वर्णन वेदों और पुराणों में भी किया गया है। इसके अलावा एक प्रत्यक्ष देव के रूप में सूर्य देव का वर्णन कई जगह किया गया है। इनकी पत्नी का नाम अदिति और छाया है तथा उनके पुत्र शनि देव है जिन्हें न्याय का देवता कहा जाता है। इन्हें कई नामों से जाना जाता है | उनके 108 नामों का उच्चारण और उनका स्मरण एक दिव्य अनुष्ठान का हिस्सा है, जो भक्तों को आध्यात्मिक शांति और शक्ति प्रदान करता है। आइए, हम इन नामों के माध्यम से सूर्य देव की महिमा का बखान करें।

सूर्य देव को उन्हें प्रकाश, जीवन और ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। सूर्य देव के 108 नाम हैं, जिन्हें जाप करने से कई लाभ मिलते हैं। इन नामों का जाप करने से न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि आध्यात्मिक विकास भी होता है।

सूर्य देव के 108 नाम:

सूर्य देव के 108 नाम हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक अभ्यास हैं। इन नामों का जाप करने से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये 108 नाम कहां से आए हैं?

पुराणों में उल्लेख

सूर्य देव के 108 नाम

सूर्य देव के 108 नाम मुख्य रूप से विष्णु पुराण और भागवत पुराण जैसे प्राचीन हिंदू ग्रंथों में मिलते हैं। इन पुराणों में सूर्य देव को विभिन्न नामों से संबोधित किया गया है, जो उनके विभिन्न गुणों और रूपों को दर्शाते हैं।

विष्णु पुराण में सूर्य देव को आदित्य, भानु, रवि आदि नामों से पुकारा गया है। इस पुराण में सूर्य देव के साथ-साथ उनके रथ, घोड़े और अन्य देवताओं का भी वर्णन मिलता है।

भागवत पुराण में सूर्य देव को विश्वकर्मा के पुत्र के रूप में वर्णित किया गया है। इस पुराण में सूर्य देव के 12 आदित्य रूपों का भी वर्णन मिलता है।

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अन्य ग्रंथों में उल्लेख

  • ऋग्वेद: ऋग्वेद में सूर्य देव को देवताओं का राजा कहा गया है।
  • अथर्ववेद: अथर्ववेद में सूर्य देव को रोगों के नाशक के रूप में वर्णित किया गया है।
  • महाभारत: महाभारत में सूर्य देव को कर्ण का पिता बताया गया है।

सूर्य देव के 108 नामों का जाप करने से निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:

  • शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार
  • मानसिक स्वास्थ्य में सुधार
  • आध्यात्मिक विकास
  • सकारात्मक ऊर्जा का संचार
  • मन की शांति
  • तनाव का निवारण
  • आत्मविश्वास में वृद्धि
  • सफलता प्राप्ति

सूर्य देव के 108 नामों का जाप कैसे करें?

सूर्य देव के 108 नामों का जाप करने के लिए निम्नलिखित तरीके अपना सकते हैं:

  • रोज सुबह सूर्योदय के समय जाप करें।
  • एकांत स्थान पर बैठकर ध्यान लगाएँ और फिर जाप शुरू करें।
  • जाप करते समय माला का प्रयोग करें।
  • प्रत्येक नाम का कम से कम 108 बार जाप करें।

सूर्य देव के 108 नाम (108 Names of Lord Surya in Hindi)

  1. अरुण- तांबे जैसे रंग वाला
  2. शरण्य- शरण देने वाला
  3. करुणारससिन्धु- करुणा- भावना के महासागर
  4. असमानबल- असमान बल वाले
  5. आर्तरक्षक- पीड़ा से रक्षा करने वाले
  6. आदित्य- अदिति के पुत्र
  7. आदिभूत- प्रथम जीव
  8. अखिलागमवेदिन- सभी शास्त्रों के ज्ञाता
  9. अच्युत- जिसता अंत विनाश न हो सके (अविनाशी)
  10. अखिलज्ञ- सब कुछ का ज्ञान रखने वाले
  11. अनन्त- जिसकी कोई सीमा नहीं है
  12. इना- बहुत शक्तिशाली
  13. विश्वरूप- सभी रूपों में दिखने वाला
  14. इज्य- परम पूजनीय
  15. इन्द्र- देवताओं के राजा
  16. भानु- एक अद्भुत तेज के साथ
  17. इन्दिरामन्दिराप्त- इंद्र निवास का लाभ पाने वाले
  18. वन्दनीय- स्तुती करने योग्य
  19. ईश- इश्वर
  20. सुप्रसन्न- बहुत उज्ज्वल
  21. सुशील- नेक दिल वाल
  22. सुवर्चस्- तेजोमय चमक वाले
  23. वसुप्रद- धन दान करने वाले
  24. वसु- देव
  25. वासुदेव- श्री कृष्ण
  26. उज्ज्वल- धधकता हुआ तेज वाला
  27. उग्ररूप-क्रोद्ध में रहने वाले
  28. ऊर्ध्वग- आकार बढ़ाने वाला
  29. विवस्वत्-चमकता हुआ
  30. उद्यत्किरणजाल- रोशनी की बढ़ती कड़ियों का एक जाल उत्पन्न करने वाले
  31. हृषीकेश- इंद्रियों के स्वामी
  32. ऊर्जस्वल- पराक्रमी
  33. वीर- (निडर) न डरने वाला
  34. निर्जर- न बिगड़ने वाला
  35. जय- जीत हासिल करने वाला
  36. ऊरुद्वयाभावरूपयुक्तसारथी- बिना जांघों वाले सारथी
  37. ऋषिवन्द्य- ऋषियों द्वारा पूजे जाने वाले
  38. रुग्घन्त्र्- रोग के विनाशक
  39. ऋक्षचक्रचर- सितारों के चक्र के माध्यम से चलने वाले
  40. ऋजुस्वभावचित्त- प्रकृति की वास्तविक शुद्धता को पहचानने वाले
  41. नित्यस्तुत्य- प्रशस्त के लिए तैयार रहने वाला
  42. ऋकारमातृकावर्णरूप- ऋकारा पत्र के आकार वाला
  43. उज्ज्वलतेजस्- धधकते दीप्ति वाले
  44. ऋक्षाधिनाथमित्र- तारों के देवता के मित्र
  45. पुष्कराक्ष- कमल नयन वाले
  46. लुप्तदन्त- जिनके दांत नहीं हैं
  47. शान्त- शांत रहने वाले
  48. कान्तिद- सुंदरता के दाता
  49. घन- नाश करने वाल
  50. कनत्कनकभूष- तेजोमय रत्न वाले
  51. खद्योत- आकाश की रोशनी
  52. लूनिताखिलदैत्य- असुरों का नाश करने वाला
  53. सत्यानन्दस्वरूपिण्- परमानंद प्रकृति वाले
  54. अपवर्गप्रद- मुक्ति के दाता
  55. आर्तशरण्य- दुखियों को अपने शरण में लेने वाले
  56. एकाकिन्- त्यागी
  57. भगवत्- दिव्य शक्ति वाले
  58. सृष्टिस्थित्यन्तकारिण्- जगत को बनाने वाले, चलाने वाले और उसका अंत करने वाले
  59. गुणात्मन्- गुणों से परिपूर्ण
  60. घृणिभृत्- रोशनी को अधिकार में रखने वाले
  61. बृहत्- बहुत महान
  62. ब्रह्मण्- अनन्त ब्रह्म वाला
  63. ऐश्वर्यद- शक्ति के दाता
  64. शर्व- पीड़ा देने वाला
  65. हरिदश्वा- गहरे पीले के रंग घोड़े के साथ रहने वाला
  66. शौरी- वीरता के साथ रहने वाला
  67. दशदिक्संप्रकाश- दसों दिशाओं में रोशनी देने वाला
  68. भक्तवश्य- भक्तों के लिए चौकस रहने वाला
  69. ओजस्कर- शक्ति के निर्माता
  70. जयिन्- सदा विजयी रहने वाला
  71. जगदानन्दहेतु- विश्व के लिए उत्साह का कारण बनने वाले
  72. जन्ममृत्युजराव्याधिवर्जित- युवा,वृद्धा, बचपन सभी अवस्थाओं से दूर रहने वाले
  73. उच्चस्थान समारूढरथस्थ- बुलंद इरादों के साथ रथ पर चलने वाले
  74. असुरारी- राक्षसों के दुश्मन
  75. कमनीयकर- इच्छाओं को पूर्ण करने वाले
  76. अब्जवल्लभ- अब्जा के दुलारे
  77. अन्तर्बहिः प्रकाश- अंदर और बाहर से चमकने वाले
  78. अचिन्त्य- किसी बात की चिन्ता न करने वाले
  79. आत्मरूपिण्- आत्मा रूपी
  80. अच्युत- अविनाशी रूप वाले
  81. अमरेश- सदा अमर रहने वाले
  82. परम ज्योतिष्- परम प्रकाश वाले
  83. अहस्कर- दिन की शुरूआत करने वाले
  84. रवि- भभकने वाले
  85. हरि- पाप को हटाने वाले
  86. परमात्मन्- अद्भुत आत्मा वाले
  87. तरुण- हमेशा युवा रहने वाले
  88. वरेण्य- उत्कृष्ट चरित्र वाला
  89. ग्रहाणांपति- ग्रहों के देवता
  90. भास्कर- प्रकाश के जन्म दाता
  91. आदिमध्यान्तरहित- जन्म, मृत्यु, रोग आदि पर विजय पाने वाले
  92. सौख्यप्रद- खुशी देने वाला
  93. सकलजगतांपति- संसार के देवता
  94. सूर्य- शक्तिशाली और तेजस्वी
  95. कवि- ज्ञानपूर्ण
  96. नारायण- पुरुष की दृष्टिकोण वाले
  97. परेश- उच्च देवता
  98. तेजोरूप- आग जैसे रूप वाले
  99. हिरण्यगर्भ्- संसार के लिए सोनायुक्त रहने वाले
  100. सम्पत्कर- सफलता को बनाने वाले
  101. ऐं इष्टार्थद- मन की इच्छा पूरी करने वाले
  102. अं सुप्रसन्न- सबसे अधिक प्रसन्न रहने वाले
  103. श्रीमत्- सदा यशस्वी रहने वाले
  104. श्रेयस्- उत्कृष्ट स्वभाव वाले
  105. सौख्यदायिन्- प्रसन्नता के दाता
  106. दीप्तमूर्ती- सदा चमकदार रहने वाले
  107. निखिलागमवेद्य- सभी शास्त्रों के दाता
  108. नित्यानन्द- हमेशा आनंदित रहने वाले
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सूर्य देव के 108 नामों का जाप करने से आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएगा। इस लेख में दी गई जानकारी का उपयोग करके आप सूर्य देव के 108 नामों का जाप करके अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं।

Image Source -Google Image, Wikipedia – पंडित Shiv Chandra Jha मो:- 9631487357 

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प्रो. शिव चन्द्र झा, के.एस.डी.एस.यू., दरभंगा में धर्म शास्त्र के प्रख्यात प्रोफेसर रहे हैं। उनके पास शिक्षण का 40 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने Sanskrit भाषा पर गहन शोध किया है और प्राचीन पांडुलिपियों को पढ़ने में कुशलता रखते हैं।