श्री बटुक भैरव चालीसा –
श्री बटुक भैरव चालीसा
श्री बटुक भैरव चालीसा – Read Post »
श्री ब्रह्मा चालीसा जय ब्रह्मा जय स्वयम्भू,
चतुरानन सुखमूल।
करहु कृपा निज दास पै,
रहहु सदा अनुकूल।
तुम सृजक ब्रह्माण्ड के,
अज विधि घाता नाम।
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मां गंगा को सनातन धर्म में मोक्षदायिनी, पापनाशिनी और पवित्रता की देवी माना गया है। उनके स्मरण मात्र से ही व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं और उसे शुद्धता और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है। श्री गंगा चालीसा का पाठ मां गंगा की कृपा पाने और जीवन के कष्टों से मुक्ति का एक प्रभावशाली साधन है।
गायत्री माता को वेदों की जननी और ज्ञान, पवित्रता, तथा आध्यात्मिक उन्नति की देवी माना गया है। उनका पूजन करने और गायत्री मंत्र का जप करने से व्यक्ति को समस्त सुखों की प्राप्ति होती है।
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श्री राधा चालीसा का पाठ भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय श्री राधा रानी की कृपा प्राप्ति का सशक्त माध्यम है। इसे श्रद्धा और भक्ति भाव से पढ़ने से भक्त को असीम सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। राधा रानी को भक्ति और प्रेम की देवी माना गया है, और उनकी कृपा से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
गौमाता को सनातन धर्म में माता का दर्जा दिया गया है, क्योंकि वह समस्त प्राणियों का पालन-पोषण करती हैं। गौ-चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति आती है। गौ-चालीसा को श्रद्धा और भक्ति से पढ़ने पर गौमाता की कृपा से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है।