
तप के प्रकार: भगवद गीता और जैन दर्शन के अनुसार
तप के प्रकार: भगवद गीता और जैन दर्शन के अनुसार
तप के प्रकार: भगवद गीता और जैन दर्शन के अनुसार
अमेरिका और अन्य देशों में गंगाजल की अत्यधिक मांग है क्योंकि इसमें रोगाणुनाशक और औषधीय गुण पाए जाते हैं। यह बिना सड़ने वाला प्राकृतिक जल है, जो लंबे समय तक शुद्ध बना रहता है।
श्रद्धा और विधिपूर्वक शिवलिंग पर जल, दूध, घी, पुष्प आदि अर्पित करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। शिव की उपासना करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं
मंत्र दीक्षा का अर्थ है कि जब तुम समर्पण करते हो तो गुरु तुममें प्रवेश कर जाता है, वह तुम्हारे शरीर, मन, आत्मा में प्रविष्ट हो जाता है। गुरु तुम्हारे अंतस में जाकर तुम्हारे अनुकूल ध्वनि की खोज करेगा।
हमारी प्राचीन संकृति में प्रणाम का महत्व प्रायः प्रत्येक प्राचीन ग्रंथो में किया गया है | इससे संबन्धित एक कथा महाभारत में आयी है आज हम उसिका वर्णन कर रहें हैं |
सच्चा प्यार पाने के सरल तरीके प्रेमियों और प्रेमियों के बीच विवाद होने पर भी निम्नलिखित सरल कदम काम करते हैं। प्रेमी-प्रेमिका के विवाह में आने वाली बाधाएं भी इन उपायों से दूर हो जाती हैं।
प्रत्येक दम्पति चाहतें हैं की उन्हे कम से कम एक पुत्र अवश्य हो | पौराणिक शास्त्रो में भी पुत्र का होना पित्तरों के निमित अति आवश्यक माना गया है |
पुण्यश्लोकोंका स्मरण – बस पाँच मिनट ले इनका नाम, बनेंगे सारे बिगरे काम |