स्वस्तिक मंत्र
स्वस्तिक मंत्र या स्वस्ति मन्त्र शुभ और शांति के लिए प्रयुक्त होता है। स्वस्ति = सु + अस्ति = कल्याण हो । ऐसा माना जाता है कि इससे हृदय और मन मिल जाते हैं।
स्वस्तिक मंत्र या स्वस्ति मन्त्र शुभ और शांति के लिए प्रयुक्त होता है। स्वस्ति = सु + अस्ति = कल्याण हो । ऐसा माना जाता है कि इससे हृदय और मन मिल जाते हैं।
पूजनार्थ हेतु पुष्प, बिल्व पत्र, तुलसीदल आदि तोड़ने से अर्पण करने तक के समस्त विधान !
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ब्रह्म कमल आध्यात्मिक रूप से अभी तक वैज्ञानिक रूप से अनदेखा रहस्यवादी फूल है। मैं कई आकर्षक तथ्यों और विश्वासों में आया जब मैंने इस अद्भुत फूल के बारे में अधिक जानने का फैसला किया, जिनमें से कुछ मैं आपके साथ साझा करना पसंद करूंगा …
ब्रह्म कमल – हिन्दू धर्म का रहस्यवादी फूल Read Post »
नर्मदेश्वर शिवलिंग मुख्यतः नर्मदा नदी के तट पर पाए जाते हैं। ये शिवलिंग प्राकृतिक रूप से नर्मदा नदी की धाराओं के बीच बनने वाले अंडाकार पत्थर होते हैं और इन्हें विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त है।
नर्मदेश्वर शिवलिंग कहाँ मिलता है? Read Post »
भारत में ऐसे कई अद्भुत और चमत्कारी शिवलिंग हैं, जो अपनी विशेषताओं और चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध हैं। इन शिवलिंगों के दर्शन हर शिवभक्त के लिए अनिवार्य माने जाते हैं।
जानिए कहां हैं भारत के 10 सबसे चमत्कारी शिवलिंग? Read Post »
मकर संक्रांति पर जानिए कौन से दान करने से क्या लाभ मिलेगा
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भगवान शिव के शिवलिंग पर दूध चढ़ाने की प्रथा का एक विशेष धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है। सावन के महीने में यह प्रथा विशेष रूप से प्रचलित है, और इसके पीछे कई कारण और मान्यताएँ हैं। आइए इस परंपरा के धार्मिक और वैज्ञानिक पहलुओं को विस्तार से समझें।
शिवलिंग पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है ? Read Post »
वेद भारतीय संस्कृति के वे ग्रन्थ हैं, जिनमे ज्योतिष, गणित, विज्ञान, धर्म, ओषधि, प्रकृति, खगोल शास्त्र आदि लगभग सभी विषयों से सम्बंधित ज्ञान का भंडार भरा पड़ा है।
वेदों में क्या लिखा है Read Post »
कर्ज से बढ़कर कष्टप्रद कोई स्थिति नहीं होती। अगर आप भी कर्ज के बोझ से परेशान हैं तो इस मंत्रों का प्रयोग अवश्य करें। इससे ना सिर्फ कर्ज से मुक्ति मिलेगी बल्कि जीवन में कभी कर्ज लेने की स्थिति ही निर्मित नहीं होगी।
भगवान कितने प्रकार के होते हैं, यह प्रश्न शायद संसार का सबसे बड़ा प्रश्न है | लोग भ्रम में हैं कोई कहता है ईश्वर सगुण है कोई उसे निर्गुण कहता है पर दोनों ही नहीं जानते. परमात्मा निराकार भी है और साकार भी है. एक दृष्टि अधूरी है |
भगवान कितने प्रकार के होते हैं ? Read Post »
इस प्रकार के प्रश्न अक्सर वे लोग करते हैं, जो समझने के स्थान पर केवल प्रश्न करने में ही रूचि रखते हैं |
भगवान यदि कण-कण में हैं तो मूर्ति पूजा क्यों | Read Post »
नज़र दोष एक ऐसा अदृश्य अवरोध है जो व्यक्ति की सकारात्मक ऊर्जा को ढक देता है। इसके कारण व्यक्ति अपने गुणों और क्षमताओं को पहचान नहीं पाता। यह उन लोगों की ओर से आती है, जिनमें जलन और इर्ष्या का भाव होता है।
घर को नज़र से बचाने के उपाय Read Post »